पुलिस गार्द लगने के 72 घंटे बाद भी स्टॉक रजिस्टर से माल नहीं मिला पाया आबकारी और राजस्व विभाग, देखिये वीडियो

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-मामला सतपुली की मलेठी में सील की गई शराब फैक्ट्री का
-लाइसेंस नवीनीकरण न होने के चलते आबकारी विभाग ने 31 मार्च को सेलो टेप से की थी सीलिंग की कार्रवाई
-संगलाकोटी और रीठाखाल में शराब की पेटियां मिलने के बाद लगाई गई फैक्ट्री पर कपड़े की सील
सतपुली। लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराने को लेकर पूरे प्रदेश में पुलिस-प्रशासन की ओर से जोर-शोर से अभियान चलाया जा रहा है।

सेलो टेप से लगाई गई सील

पौड़ी जिले में पुलिस की ओर से भी शराब कारोबारियों के खिलाफ लगातार कार्यवाही की जा रही है, लेकिन सतपुली के मलेठी स्थित शराबकांड के मामले में अभी तक आबकारी और राजस्व विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसमें आबकारी विभाग की ओर से की गई लीपापोती साफतौर पर दिख रही है।

कपड़े से लगाई गई सील

उधर, कांग्रेसियों ने भी एकेश्वर के ग्राम मलेठी स्थित बंद पड़ी शराब की फैक्ट्री से चुनाव प्रभावित करने के लिए अवैध रूप से शराब बांटने का आरोप लगाया था।

फैक्टरी के बाहर खड़ी पुलिस गार्द

दरअसल, कुछ दिन पूर्व संगलाकोटी और रीठाखाल में शराब की पेटियां मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था कि यह शराब मलेठी स्थित शराब की बंद पड़ी फैक्ट्री से चुनाव प्रभावित करने के लिए लाई गई थी।

आरोप लगने के बाद आबकारी और राजस्व विभाग ने एफएसटी व पुलिस की मौजूदगी में फैक्ट्री खुलवाकर माल तो गिनवा लिया, लेकिन फैक्ट्री के स्टॉक रजिस्टर से अभी तक उसका मिलान नहीं किया गया है। आबकारी विभाग की ओर से पूरे मामले में लीपापोती की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस गार्द लगने के बाद 72 घंटे बीत जाने के बाद भी आबकारी और राजस्व विभाग स्टॉक रजिस्टर से शराब का मिलान नहीं कर पाया है।
31 मार्च को मलेठी स्थित शराब की फैक्ट्री का लाईसेंस नवीनीकरण न होने के चलते आबकारी विभाग के अधिकारियों ने सेलो टेप की सील लगाकर फैक्ट्री को सील किया था। संगलाकोटी और रीठाखाल में स्थानीय लोगों की ओर से शराब मिलने के बाद चुनाव प्रभावित करने का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद एफएसटी और पुलिस की मौजूदगी में फैक्ट्री खुलवाकर माल गिना गया, जिसके बाद आबकारी विभाग ने कपड़े की सील लगाकर फैक्ट्री को सील किया गया। कोटद्वार के आबकारी निरीक्षक मानवेंद्र पंवार ने बताया कि कपड़े की सील से गड़बड़ी होने का अंदेशा बना रहता है, इसलिए पहले सेलो टेप से साइन की हुई सील लगाई गई थी। जिससे कोई उस सील से छेड़छाड़ न कर सके। स्टॉक रजिस्टर के लिए वहां प्रबंधक मौजूद नहीं था, बाद में कागज मंगा लिए गए थे।

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