एससीएसटी के मामले में पत्रकार आशुतोष नेगी को मिली जमानत

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कोटद्वार। सत्र न्यायाधीश और मुख्य न्यायाधीश की अदालत से पत्रकार आशुतोष नेगी को राहत मिली है। अदालत ने उन्हें एससीएसटी और सरकारी कामकाज में बाधा के दोनों मामलों में जमानत दे दी है। पुलिस ने उन्हें बीते पांच मार्च को गिरफ्तार कर अदालत के आदेश पर जिला कारागार खांड्यूसैण भेज दिया था।

कल्जीखाल के पयासू गांव निवासी राजेश सिंह कोली ने मई 2022 में एसएसपी और डीएम को एक शिकायत भेजी थी, जिसमें चार लोगों पर मारपीट, गाली- गलौज, जान से मारने की धमकी और जातिसूचक शब्दों के उपयोग का आरोप लगाया था। सीओ सदर की जांच के बाद 5 जनवरी को एक अशासकीय विद्यालय के प्रबंधक उत्तम नेगी, पत्रकार आशुतोष नेगी, अंकित बिष्ट व दीप मैठाणी के खिलाफ एससीएसटी, आईटी एक्ट, गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
एसएसपी ने मामले की जांच सीओ कोटद्वार को सौंपी। पुलिस बीते दो मार्च को एससीएसटी मामले में आरोपी मैठाणी को गिरफ्तार कर अदालत के आदेश पर जेल भेज चुकी है। मामले में बीते पांच मार्च को पुलिस ने नेगी को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के दौरान पत्रकार द्वारा विरोध जताने पर पुलिस ने बीते पांच मार्च देर शाम उनके खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा, पुलिस की वर्दी फाड़ने सहित अन्य आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया था।

अधिवक्ता जयदर्शन बिष्ट ने बताया कि सत्र न्यायाधीश अजय चौधरी की अदालत ने नेगी को एससीएसटी मामले में जमानत दे दी है। वहीं अधिवक्ता राजेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मौ. याकूब की अदालत ने सरकारी कामकाज में बाधा के आरोप में नेगी को जमानत दे दी है।

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