बच्चों को एंजाइटी और डिप्रेशन से बचाने को जरूरत है परिवार की सहानुभूति एवं प्यार: डॉ. विकासदीप

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-विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जिला चिकित्सालय में आयोजित हुई गोष्ठी
हरिद्वार। मंगलवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय में आयोजित गोष्ठी में सभी डॉक्टरों ने मानसिक स्वास्थ्य पर अपने विचार व्यक्त किए।
डॉ. दीप शिखा चौधरी ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम एंजाइटी, डिप्रेशन, स्ट्रेस को कम करने के लिए मानसिक रोगी, स्वस्थ्य माहौल और उनको समझने की जरूरत है, उनको अकेलापन महसूस न होने दें। आज विश्व एंजाइटी, डिप्रेशन, स्ट्रेस से वयस्क 21 प्रतिशत, सर्विस वाले 15 प्रतिशत भारत वर्ष में वर्ष भर में 2.50 लाख आत्महत्या करते हैं। लगभग 60 से 70 लाख लोग भारत वर्ष में मानसिक तनाव से गुजरते हैं ।
अपने संबोधन में डॉ. विकासदीप ने कहा कि बच्चों में ADSD से ग्रस्त होने के कारण बच्चे तोड़ फोड़ करते हैं। बच्चों में भी एंजाइटी, डिप्रेशन हो जाता है, उनको परिवार की सहानुभूति, प्यार की जरूरत होती है। मेन्टल हेल्थ दो प्रकार के होते हैं। माइनर और मेजर मानसिक रोगी को मेडिटेशन और अध्यात्म की ओर जाना चाहिए। मानव जीवन में आपको40वर्ष के बाद अध्यात्म से जुड़ जाना चाहिए। जिससे काफी हद तक मानसिक रूप से तनाव में कमी आएगी और ध्यान से मानसिक रोगी को फायदा पहुँच सकता है। सरकार 20 वर्ष पहले से मानसिक रोगियों को स्वास्थ्य लाभ के लिए बेहतर प्रयास किये जा रहे हैं। मेन पावर की कमी के कारण अभी तक यह सुविधा 9 प्रतिशत ही मिल पा रही है। जिसको और अधिक बढ़ाने के प्रयास विभाग की ओर से किए जा रहे हैं। इसके लिए सबसे पहले रोगी के अकेलेपन को कम करने के लिए परिवार की सहभागिता के साथ-साथ समाज की भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जानी चाहिए।
गोष्ठी में डॉ. सीपी त्रिपाठी, डॉ. आरबी सिंह, डॉ. हितेन जंगपांगी, डॉ. रामप्रकाश, डॉ. दीप शिखा चौधरी, डॉ. चंदन मिश्रा, डॉ. एस के सोनी, डॉ. सुब्रत अरोड़ा, डॉ. विकास दीप, डॉ. हरिशंकर कौशिक, डॉ. उषा बिष्ठ, उषा, आशा शुक्ला, हिमानी खन्ना, गीता, शकुंतला नोटियाल, कीर्ति, मिथलेश, नेहा, मुन्नी देवी, दिनेश लखेडा, दीपाली, अमित, अजीत, राहुल, विनोद, प्रदीप मौर्य, लाल खान, दिनेश धनोसी, राजन बडोनी, धीरेंद्र सिंह, डीपी बहुगुणा, सुखपाल सिंह सैनी, सुरेश समेत बीएएमएस, फार्मेसिस्ट इन्टर्नस ने भाग लिया।

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