कोटद्वार से मसूरी एक्सप्रेस के संचालन का मामला पहुंचा दिल्ली हाईकोर्ट
हर्ष भाटिया, कोटद्वार। दिल्ली हाईकोर्ट ने कोटद्वार रेलवे स्टेशन से मसूरी एक्सप्रेस के संचालन को लेकर दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय को सभी पहलुओं पर गौर करने के साथ ही जनहित को ध्यान में रखते हुए जल्द निर्णय लेने के आदेश दिए हैं।
कोटद्वार निवासी अधिवक्ता रोहित डंडरियाल ने कोटद्वार रेलवे स्टेशन से मसूरी एक्सप्रेस का संचालन शुरू करने को लेकर गत 8 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में रेलवे मंत्रालय, केंद्र सरकार और रेलवे बोर्ड के सीईओ को पक्षकार बनाया गया था। बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई की। याचिकाकर्ता का कहना है कि गढ़वाल के चार जिलों के करीब दस लाख लोग कोटद्वार रेलवे स्टेशन से आवाजाही करते हैं। इसके अलावा लैंसडौन स्थित गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट के जवान भी कोटद्वार से ट्रेनों से देश की सीमाओं तक आवाजाही करते हैं। रेलवे प्रशासन की ओर से कोरोना संक्रमण काल में मार्च, 2020 में मसूरी एक्सप्रेस को बंद कर दिया गया। कहा कि इस ट्रेन का संचालन बंद होने से लोगों को आवाजाही करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अधिवक्ता ने सुनवाई में दलील दी कि इस संबंध में रेलवे के चेयरमैन, उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल के डीआरएम को गत 5 अप्रैल को ज्ञापन भेजे थे, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। केंद्र सरकार की ओर से सेंट्रल गवर्नमेंट स्टैंडिंग कौंसिल मोनिका अरोरा और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कोर्ट में केंद्र सरकार का पक्ष रखा और बताया कि कोटद्वार से मसूरी एक्सप्रेस का संचालन बंद करना एक नीतिगत निर्णय (पॉलिसी डिसीजन) है। अधिवक्ता रोहित डंडरियाल ने बताया कि मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद केंद्र सरकार और रेलवे मंत्रालय को सभी पहुलओं पर गौर करने के साथ ही जनहित को ध्यान में रखते हुए जल्द निर्णय लेने का आदेश दिया है।
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