हरिद्वार जिले के चुनावों में पौने दो करोड़ का फूंक गया डीजल
–पंचायत में 25 लाख तो विधानसभा में खर्च हुआ डेढ़ करोड़ का तेल
वैभव भाटिया, हरिद्वार। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 25 लाख रुपये का तेल फूंका गया। जबकि इससे पहले हुए विधानसभा चुनाव करीब डेढ़ करोड़ रुपये का तेल गटक गए। जो पंचायत चुनाव के सापेक्ष छह गुना अधिक हैं। डेढ़ साल बाद सितंबर माह में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए गए। पंचायत चुनाव के लिए 26 सितंबर को मतदान और 28 सितंबर को मतगणना हुई थी। लेकिन पंचायत को चुनाव को कराने के लिए जनपदभर में करीब सात सौ छोटे-बड़े वाहन लगाए गए थे। जिनमें तेल भरवाने की जिम्मेदारी पूर्ति विभाग को दी गई थी। इससे सभी वाहनों में 25 लाख रुपये का तेल भरवाया गया है। वहीं, मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में 1183 वाहनों का प्रयोग किया गया था। इन वाहनों डलवाने की व्यवस्था पूर्ति विभाग ने की थी। पर विधानसभा चुनाव में लगे वाहन एक करोड़ 39 लाख रुपये का तेल पी गए। जबकि विधानसभा चुनाव में लगे वाहनों की संख्या पंचायत से महज लगभग पांच सौ अधिक रही थी, ऐसे में पंचायत चुनाव के हिसाब से अधिकतम पचास लाख रुपये का तेल का इस्तेमाल हो जाना चाहिए था, मगर यह आंकड़ा छह गुना पहुंचकर चौंका रहा है।
एक साल में खजाने पर डेढ़ करोड़ का बोझ
-त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद अब सरकारी बिलों के भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चुनाव सरकारी खजाने के लिए सबसे खर्चिला होता है। इसी साल विधानसभा चुनाव में करीब डेढ़ करोड़ रुपये सिर्फ चुनाव ड्यूटी के वाहनों में डीजल में फूंक गए। अब पंचायत चुनाव मेंभी 25 लाख रुपये का डीजल चुनाव ड्यूटी वाहनों में लगा है। इससे एक साल के भीतर ही एक करोड़ 64 लाख रुपये का बोझ चुनाव कराने से सरकार पड़ गया है।
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