हरिद्वार: एक कोतवाली में दलालों की एंट्री बंद, तो दूसरी कोतवाली में दलाल दूसरे गेट से परोसने लगे चिकन, पढ़िए नोट

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ऑफिस रूम में चाय तो सरकारी आवास में बट रहा दूध

हरिद्वार। जनपद हरिद्वार की कोतवालिया भी किसी से कम नहीं नहीं है। जहां जनपद की प्रमुख कोतवाली में दलालों की आमत खत्म हो गई है, तो दूसरी कोतवाली में दलाल दूसरे गेट से चिकन परोस रहे हैं।

जी हां जिले में सभी कोतवाली पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल के दिशा निर्देशन में सराहनीय कार्य कर रही हैं, लेकिन पुलिस कप्तान के हाल ही में पी…आर…ओ… रहे कोतवाल अब मलाई खाकर जनता के फोन को दरकिनार करने में लग गए हैं। सरकारी फोन भी कोतवाल साहब नहीं उठा रहे हैं। यह सीधा सीधा अपराध को न्यौता देना है। सवाल यह उठता है कि यदि कोई आपराधिक घटना की सूचना देना चाहे तो वह कहां संपर्क करेगा, या फिर आपराधिक घटना का शिकार हो जाएगा।

शहर में चेकिंग का जोर, स्टेशन पर शोर ही शोर
कोतवाल साहब एक मंडप में चेकिंग का जोर चला रहे हैं और होटलों पर बार-बार नजरे गढ़ा रहे हैं, जबकि कोतवाली से मात्र 200 मीटर की दूरी पर शहर का जोर आकर खत्म हो जाता है, वजह यहां देश विदेश से यात्री आते हैं, इसके बावजूद भी मित्र पुलिस वहां से गायब रहती है और आसपास के जो होटल चल रहे हैं, उनमें यात्रियों के रुकने के बजाय अनैतिक धंधे चल रहे हैं। इसके अलावा सीएम साहब के ड्रग्स फ्री अभियान का खुलेआम धुआं धुआं हो रहा है। पान के खोखे से लेकर ई रिक्शाओं में नशे की होम डिलीवरी जारी है।

नोट: साहब ने नवाजा और कोतवाल ने बजा दिया बाजा

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