उत्तराखंड की नदियों में मशीनों से खनन करने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने उत्तराखंड की नदियों में मशीनों से खनन करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नदियों में खनन में लगी मशीनों को सीज किया जाए। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई। हल्द्वानी के हल्दूचौड़ निवासी गगन परासर व अन्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश में मशीनों से खनन की अनुमति नहीं है, फिर भी भारी मशीनों से खनन हो रहा है, जबकि खनन नियमावली में केवल मजदूरों को लगाकर खनन की अनुमति है। याचिकाकर्ता ने मशीनों से खनन पर रोक लगाने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने प्रदेश के खनन सचिव से पूछा है कि वन विकास निगम की वेबसाइट पर प्रति क्विंटल रॉयल्टी 31 रुपये और प्राइवेट खनन वालों की वेबसाइट पर 12 रुपये कैसे है। दरअसल याचिका में कहा गया था कि वन निगम की वेबसाइट पर 31 रुपये प्रति कुंतल और प्राइवेट में 12 रुपये प्रति क्विंटल रॉयल्टी निर्धारित है, जिसकी वजह से प्राइवेट खनन कारोबारी कम टैक्स दे रहे हैं। इससे सरकार को घाटा हो रहा है। ग्राहक प्राइवेट खनन कारोबारियों से माल खरीद रहे हैं। याचिका में सरकारी और प्राइवेट में एक समान रॉयल्टी दरें लागू करने की मांग भी की गई। मामले की अगली सुनवाई 12 जनवरी को होगी।

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