इंस्टिट्यूट इनोवेशन सेल,ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप प्रोग्राम में साहित्यिक चोरी को समझना एवं उससे बचना विषय पर दिया जोर

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श्रीनगर गढ़वाल। ग्रीष्मकालीन ऑनलाइन इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत इंस्टिट्यूट इनोवेशन सेल ,हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल उत्तराखंड द्वारा एक व्याख्यान का आयोजन किया गया ।इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता काशी हिंदू विश्वविद्यालय,वाराणसी के सेंट्रल लाइब्रेरी के डिप्टी लाइब्रेरियन डॉक्टर स्नेहा त्रिपाठी जी थीं।इन्होंने साहित्यिक चोरी क्या होता है इसको बड़े ही विस्तार से समझाया तथा साहित्यिक चोरी से कैसे शोध कार्य में बचा जा सकता है इसको भी बड़े ही विस्तृत तरीके से बताया ।इन्होंने अपने वक्तव्य में उदाहरण देकर यह समझाया कि कैसे साहित्यिक चोरी को शोध कार्यों में रोका जा सकता है। साथ ही साथ साहित्यिक चोरी के परिणामों को भी उन्होंने विभिन्न आयामों के जरिए बताया कि प्लगरिजम कितना प्रतिशत रहना चाहिये व उसके अधिकतम प्रतिशत स्वीकार्य कितना होता है यह भी बताया। इन्होंने अपने व्याख्यान में यूजीसी रेगुलेशन 2018 ,प्लगरिजम का भी जिक्र किया साथ ही यूजीसी नोटिफिकेशन 2020 जो कि सेल्फ प्लेगेरिज्म के बारे में बात करता है इसको भी बड़े विस्तार से बताया साथ ही यह भी बताया कि कोई भी रिसर्च पेपर लिखते समय किन-किन सावधानियों का पालन करना चाहिए ।रीसर्च पेपर ,थीसिस सबमिट करने से पहले उसको एंटी प्लेगेरिज्म डिटेक्टर टूल्स टर्निटिंग और ओरकुंड सॉफ्टवेयर से कैसे शोध कार्य का प्रतिशत जांचते हैं इसको भी उदाहरण देकर बताया । ग्रीष्मकालीन ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रतिभागी साबिया, उत्कर्ष,जितेंद्र आदि ने भी अपने अपने प्रश्नो को रिसोर्स पर्सन के समक्ष रखा। प्रश्नोत्तर सत्र में सभी प्रतिभागी व पर्यवेक्षक साहित्यिक चोरी से संबंधित नए नए नियमों ,विनियमों व इसके दुष्परिणामों के बारे में भी जानकारी हासिल किए ।प्रश्नोत्तर सत्र डॉ आलोक कुमार यादव द्वारा संचालित किया गया।।कार्यक्रम का संचालन एल एल एम की छात्रा आकांछा जोशी द्वारा किया गया। अध्यक्षीय भाषण इंस्टीट्यूट इनोवेशन सेल के अध्यक्ष प्रोफेसर अतुल ध्यानी द्वारा दिया गया ।धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक डॉ सुधीर कुमार चतुर्वेदी द्वारा दिया गया।इस कार्यक्रम में आई आई सी के उपाध्यक्ष डॉक्टर आलोक सागर गौतम, प्रोफ़ेसर आर. यस. नेगी ,प्रोफ़ेसर विना जोशी, ,डॉ आशुतोष गुप्ता,डॉ आलोक कुमार यादव,डॉ मनीषा निगम,,डॉ विनीत,,आदि समस्त इन्टरशिप प्रोग्राम के पर्यवेक्षक तथा इंस्टिट्यूट इनोवेशन सेल के छात्र सदस्य अंशुल देवली ,निखिल,वीर प्रताप ,व ऑनलाइन ग्रीष्मकालीन प्रोग्राम में देश के विभिन्न राज्यों से पंजीकृत समस्त प्रतिभागी उपस्थित थे।

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