उत्तराखंड में 92 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाली सोसाइटी का कोटद्वार पुलिस ने किया भंडाफोड़, स्टेट हेड समेत पांच गिरफ्तार, दो लग्जरी कार बरामद

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अंतर्राज्जीय फर्जी काॅपरेटिव सोसाइटी अन्य राज्यों में भी कर चुकी है 189 करोड का गबन


कोटद्वार। जनपद पौड़ी के पुलिस कप्तान के दिशा-निर्देशन में कोटद्वार पुलिस लगातार सफलता के नये आयाम छू रही है। उत्तराखंड में 92 करोड़ की धोखाधड़ी और अन्य राज्यों में 189 करोड़ का गबन करने वाली अंतर्राज्जीय फर्जी काॅपरेटिव सोसाइटी का भंडाफोड़ करते हुए कोटद्वार पुलिस ने पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को अभियुक्तों से दो फाॅरच्यूनर कार भी मिली है।  


पौड़ी पुलिस कार्यालय से जारी प्रेस नोट के मुताबिक बीती 1 जून को कोटद्वार निवासी तृप्ति नेगी ने द लोनी अरबन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड ट्रेफ्ट काॅपरेटिव सोसाइटी (स्न्ब्ब्) की शाखा दुगड्डा-कोटद्वार के मैनेजर ग्राम देवडाली, गुमखाल निवासी विनीत सिंह और पदमपुर मोटाढाक निवासी कैशियर प्रज्ञा रावत के खिलाफ कोटद्वार कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में तृप्ति नेगी ने पुलिस को बताया कि मैनेजर और कैशियर ने आरडी खुलवाने के नाम पर उनसे पैसे तो ले लिए, लेकिन उन्हें इसका कोई न तो बॉंड दिया और न ही उनके पैसे जमा किए हैं। जिसके चलते उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। पुलिस ने शिकायती पत्र के आधार पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने एक टीम का गठन कर पूरे मामले की गहनता से जांच की। जांच के दौरान पाया गया कि सोसायटी के विरुद्ध कोतवाली ललितपुर, उत्तर प्रदेश में वर्ष 2024 में 5 और मध्य प्रदेश में अलग से अभियोग दर्ज हैं। जांच में पाया गया कि मुंबई हाल निवासी दुबई समीर अग्रवाल ने वर्ष 2016 में सागा नाम की संस्था की स्थापना की। जिसमें आधा दर्जन सोसाइटी बनाई गई। जिनके कार्यक्षेत्र यूपी, हरियाणा, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, बिहार और पंजाब हैं।
उक्त सोसायटी पर समीर अग्रवाल और आरके सेड्डी निवासी मुंबई (फाईनेंस एडवाइजर) संजय मुदगिल ट्रेनर, परीक्षित पारसी लीगल एडवाइजर आदि का नियंत्रण होना प्रकाश में आया है। समीर अग्रवाल के दुबई भाग जाने के तथ्य प्रकाश में आये हैं। एलयूसीसी के अलावा जो अन्य सोसाइटी हैं, उनके खाताधारकों के मैच्युरिटी का पैसा भी वापस नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा हवाला के जरिए लोगों की ओर से नगद में जमा कराए गए पैसे के विदेश भेजे जाने के तथ्य संज्ञान में आए हैं।
अब तक पुलिस टीम की कार्रवाई में संकलित साक्ष्यों के आधार पर कई धाराओं की बढ़ोत्तरी की गई है। पुलिस पूछताछ में अभियुक्तों ने अपना नाम उर्मिला बिष्ट और जगमोहन सिंह बिष्ट निवासी आईडीपीएल ऋषिकेश, कुमारी प्रज्ञा रावत निवासी पदमपुर मोटाढांक कोटद्वार, विनीत सिंह निवासी ग्राम देवडाली, गुमखाल, गिरीश चंद्र बिष्ट निवासी ऋषिकेश बताया है।
पुलिस टीम में अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार जया बलोनी, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रमेश तनवार, एसएसआई उमेश कुमार, विवेचक उपनिरीक्षक शशि भूषण जोशी, सीआईयू कोटद्वार प्रभारी उपनिरीक्षक कमलेश शर्मा, उपनिरीक्षक पंकज कुमार तिवारी, दुगड्डा चैकी प्रभारी उपनिरीक्षक प्रद्युमन सिंह नेगी, महिला उपनिरीक्षक दीपिका बिष्ट, उपनिरीक्षक राजाराम, हेड कांस्टेबल उत्तम रमोला, संतोष, कांस्टेबल हेमंत कुमार, महिला कांस्टेबल नेहा रावत, कांस्टेबल पवनीश कवि, कांस्टेबल साइबर सेल अमरजीत, कांस्टेबल सतीश शर्मा, तेजपाल शामिल रहे। 

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