विन्ध्यवासिनी मंदिर के समीप गंगा के किनारे पक्का स्नान घाट एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए 48 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग मीरजापुर जिले में स्थित प्रसिद्ध मां विध्यवासिनी देवी मंदिर के समीप गंगा किनारे पक्का स्नान घाट और पाथवे बनाएगा। इसके लिए करीब 48 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। प्रथम किश्त के रूप में 5.50 करोड़ रुपये जारी किए गये हैं। ये सारे कार्य पूरे होने के बाद श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी।


यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि इस धाम की महिमा का वर्णन मारकंडेय पुराण, देवी भागवत पुराण के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक गंथों में वर्णित है। मां विध्यवासिनी के दरबार में दर्शन करने के लिए उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, मध्यप्रदेश समेत देश के कई अन्य हिस्सों से श्रद्धालु आते हैं। नवरात्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इसके अलावा यह पावन धाम मुंडन संस्कार के लिए सुविख्यात है। यहां दूर-दूर से लोग बच्चों के मुंडन के लिए आते हैं।
श्री जयवीर सिंह ने बताया कि मीरजापुर में स्थित माता के धाम से उत्तर दिशा में मां गंगा प्रवाहित होती हैं। उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग की ओर से नदी के किनारे पक्का स्नान घाट और पाथवे का निर्माण कराया जायेगा। चेंजिंग रूम, छतरी, ट्वयालट ब्लाक, काफर डैम और जलनिकासी समेत कई और कार्य कराए जाएंगे।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि उ0प्र0 में पर्यटन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। वर्ष 2022 में यहां 31 करोड़ 85 लाख से ज्यादा पर्यटक आए थे। यह संख्या वर्ष 2021 से करीब 180 प्रतिशत ज्यादा है। पिछले वर्ष विंध्याचल में 47 लाख से ज्यादा पर्यटक आए थे। इस तरह प्रदेश के पर्यटन में विंध्याचल का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि पर्यटक सुविधाओं पर सरकार का विशेष जोर है। मां विंध्यवासिनी धाम में दर्शन-पूजन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। पक्का स्नान घाट और पाथवे बनने के बाद लोगों को काफी सुविधा होगी।

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