दर्शन करने आए सचिव अरविंद पांडे को तीर्थ पुरोहितों ने छह घंटे तक केदारनाथ में बनाए रखा बंधक, घंटों कराया केदारघाटी का निरीक्षण

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रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड सूचना आयोग के सचिव अरविंद पांडे को केदारनाथ में तीर्थपुरोहितों और हक- हकूकधारियों ने छह घंटे तक बंधक बनाकर रखा। उन्होंने सचिव से तीन घंटे तक केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी कराया।

तीर्थपुरोहितों व हक- हकूकधारियों का कहना था कि संबंधित अधिकारी के निर्देश पर ही शीतकाल में धाम में उनके आवासीय भवन, गोशाला और रास्ते तोड़े गए और जबरन भूमि अधिग्रहण के अनुबंध किए गए। कई घंटे के विरोध के बाद शाम चार बजे प्रदर्शनकारियों की मांगों पर शासन प्रशासन स्तर पर उचित कार्रवाई का भरोसा देने पर मामला शांत हुआ। बुधवार को सूचना आयोग के सचिव अरविंद पांडे बाबा केदार के दर्शनों को केदारनाथ पहुंचे थे। जैसे ही तीर्थपुरोहितों को उनके धाम पहुंचने की सूचना मिली, उन्होंने मंदिर परिसर में ही अरविंद पांडेय का विरोध शुरू कर दिया। सुबह सात बजे तीर्थपुरोहितों ने उन्हें श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के इग्लू हट्स में बंधक बना दिया और खुद हट्स के बाहर धरने पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। उन्होंने कहा कि, केदारनाथ पुनर्निर्माण में तीर्थपुरोहित व हक हकूकधारी निरंतर शासन, प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं। बावजूद इसके उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि अरविंद पांडेय ने ही शीतकाल में केदारनाथ में बिना अनुमति और आदेश के तीर्थपुरोहितों के कई भवन तुड़वाए, जो पूरी तरह से अनुचित है। केदारनाथ में नाप जमीन होने के बाद भी उन्हें बिना सूचना दिए उनकी स्थायी व अस्थायी दुकानें भी तोड़ दीं गई।

दोपहर बाद ऊखीमठ के उप जिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला ने तीर्थपुरोहितों के साथ बातचीत की और उनकी बात कमिश्नर गढ़वाल से कराई। इस दौरान बंधक बनाए गए अधिकारी अरविंद पांडे भी मौजूद थे। गढ़वाल कमिश्नर ने तीर्थपुरोहितों को भरोसा दिया कि जिनके भवन टूटे हैं, उन्हें पूरा मुआवजा दिया जाएगा। उधर, एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला के मुताबिक केदारनाथ में तीर्थपुरोहितों ने सूचना आयोग के सचिव अरविंद पांडे का विरोध किया था। सूचना आयोग के सचिव पांडे तीर्थपुरोहितों का आक्रोश देखकर सीधे बीकेटीसी कक्ष में चले गए थे और तीर्थपुरोहित कक्ष के बाहर बैठ गए। तीर्थपुरोहितों के साथ बातचीत कर समझौता किया गया है। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी दिया है, जिसे शासन को भेजा जा रहा है। इस दौरान केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, महामंत्री राजेंद्र तिवारी, मंत्री अंकित सेमवाल, आचार्य संतोष त्रिवेदी, पूर्व अध्यक्ष विनोद शुक्ला, पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी, धीरेंद्र शुक्ला मौजूद थे।

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