विश्व हाइपरटेंशन दिवस पर जिला अस्पताल के डॉक्टर दे गए मरीजों को टेंशन

ख़बर शेयर करें -

वर्षभर में चिकित्सा संबंधी आने वाले दिवसों पर होती है गोष्ठी
-बुधवार को जिला अस्पताल में आयोजित हुई विश्व हाइपरटेंशन दिवस पर गोष्ठी

हरिद्वार। चिकित्सा के क्षेत्र में जनता को समय-समय पर गोष्ठियों के माध्यम से जागरूक करना सराहनीय कार्य है, लेकिन मरीजों को ही टेंशन में डाल देना गलत है। बुधवार को जिला अस्पताल में विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया गया। इस दौरान कई डाक्टरों ने अपनी ओपीडी डेढ़ बजे ही छोड़ दी। जिसके चलते दूरदराज के क्षेत्रों से आए मरीजों को परेशान होना पड़ा।
जिला अस्पताल के मुताबिक गर्मियों और सर्दियों में ओपीडी का समय अलग-अलग होता है। गर्मियों में ओपीडी का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक होता है। जबकि सर्दियों में सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक होता है, लेकिन यदि अस्पताल में कोई गोष्ठी या कोई भी कार्यक्रम होता है, तो कई डाक्टर अपनी ओपीडी समय से पहले ही छोड़ देते हैं। जिससे दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों से अस्पताल में उपचार कराने आए मरीजों को डाक्टर न मिलने पर परेशान होना पड़ता है। मरीज इस गर्मी के मौसम में अपना पूरा दिन छोड़कर अस्पताल आता है, जहां उसे गोष्ठी और कार्यक्रम के दिवसों पर डाक्टर नहीं मिलते हैं। रोशनाबाद से रमेश कुमार और बहादराबाद से अशोक सिंह उपचार के लिए बुधवार को दोपहर डेढ़ बजे पहुंचे। जहां उन्हें डाक्टर ओपीडी में नहीं मिले।  
उधर, विश्व हाइपरटेंशन दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय हरिद्वार के सभागार में आयोजित गोष्ठी में वरिष्ठ फिजिशियन डॉ संदीप टंडन ने संतुलित डाइट पर विशेष रूप से अपने विचार साझा किए। संतुलित डाईट से ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है। सभी को अपने भोजन में ताजे फलों का सेवन अवश्य करना चाहिए। इस अवसर पर चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डॉ सीपी त्रिपाठी, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ चन्दन कुमार, डॉ एसके सोनी, डॉ संजय त्यागी, डॉ आरबी सिंह, डॉ शिवम पाठक, डॉ रामप्रकाश, धीरेंद्र सिंह, कीर्ति, मिथलेश, नेहा महावीर चौहान, दिनेश लखेडा, आदि मौजूद रहे। 

You cannot copy content of this page