वर्तमान समय में वीडियो गेम का बच्चों पर असर, काउंसलर मुनमुन लेपचा ने दी महत्वपूर्ण जानकारी

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कामिल अंसारी
आजकल वीडियो गेम बच्चों से लेकर बड़ों तक मनोरंजन का आसान और किफायती साधन बन गया है| वीडियो गेम को खेलने से रोकने के लिए माता-पिता, अध्यापक तथा समाज ने अथक प्रयास किए परंतु बच्चों को वीडियो गेम खेलने से नहीं रोक पाए | यह जानते हुए की वीडियो गेम खेलने से जहां बच्चों में हैंड-आई-कोआर्डिनेशन, प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स तथा स्ट्रेस मुक्त सहायता प्राप्त होती है | वहीं दूसरी तरफ बच्चों की शारीरिक, मानसिक तथा संवेगात्मक विकास में बाधा उत्पन्न होती है | परंतु फिर भी बच्चे वीडियो गेम खेलने से खुद को नहीं रोक पाते हैं,

काउंसलर एवं रिसर्च स्कॉलर मुनमुन लैपचा के द्वारा यहां कुछ उपाय बताए गए हैं

जिनसे न केवल बच्चे बल्कि माता-पिता अध्यापक तथा समाज को भी फायदा होगा | वीडियो गेम्स का अगर समय सीमा निर्धारित कर दि जाए तो इससे बच्चों में संतुलन तथा नियम से कार्य करने की आदत भी बन जाएगी | इसके अलावा घर में कुछ ऐसी जगह बनाए जाए जहां पर टेक्नोलॉजी का उपयोग नहीं किया जा सकता हो जैसे : बेडरूम, डाइनिंग टेबल और लिविंग रूम इससे बच्चे समझ जाएंगे कि स्क्रीन पर समय बिताने का एक निर्धारित समय है | अगर माता-पिता तथा अध्यापक बच्चों को शिक्षित करते हैं तथा स्वयं भी वीडियो गेम्स को लेकर समय-समय पर शिक्षित होते हैं तब बच्चे को वह वीडियो गेम्स के अधिक प्रयोग से होने वाले फायदे और नुकसान को बता सकते हैं | इसके अलावा उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनका बच्चा किस तरह का वीडियो गेम खेल रहा है | इसके लिए उन्हें उनके साथ खेलना चाहिए | साथ खेलने से माता-पिता को बच्चों की रुचि और आदत का पता चल जाता है कि उन्हें किस तरह का खेल खेलना पसंद है | बच्चों को अन्य गतिविधियों जैसे खेलकूद, संगीत, नृत्य, कला और बाहरी गतिविधियों के लिए प्रेरित करें तथा उन्हें बाहर घुमाने के लिए भी ले जा सकते हैं। बच्चों को वीडियो गेम से दूर रखने के लिए उन्हें ईनाम तथा उनकी तारीफ करनी चाहिए। इससे बच्चों का आत्मविश्वास और आत्मबल बढ़ता है । वीडियो गेम्स कंपनी के द्वारा दिए गए रेटिंग, पैरेंटल कंट्रोल यूनिट और लॉक के बारे में जानकारी होनी चाहिए। बच्चों के पूर्ण विकास तथा वीडियो गेम्स की जानकारी के लिए स्कूल्स में काउंसलर, वर्कशॉप तथा अन्य कार्यक्रमों को शामिल किया जा सकता हैं। इससे बच्चों को यह जानकारी प्राप्त होती है कि वीडियो गेम्स का अधिक प्रयोग करने से उनके शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य तथा भावनात्मक स्थिति पर प्रभाव पड़ता है तथा उनका शारीरिक और मानसिक विकास भी प्रभावित हो सकता है।

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