बहुत सारे सवाल: क्या कर रहा है सूचनाओं से बेखबर हरिद्वार का गोपनीय विभाग, जब मुखबिर की सूचना पर डेयरी में हो गई कार्रवाई, कहां से आया माल, कौन करेगा जांच

–शराब देख लगता है कि कई सालों से चल रहा था अवैध शराब का कारोबार, अन्य जगहों की तस्करी पर क्यों मौन है विभाग
हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में भले ही कांवड़ की तैयारियों को लेकर रोजाना बड़ी-बड़ी बैठक हो रही हैं, लेकिन शराब तस्करी को लेकर कोई भी अधिकारी एक लाइन बोलने को तैयार नहीं है। अब सवाल यह उठता है कि सीएम साहब कई बार कांवड़ मेले को संपन्न कराने को लेकर हरिद्वार स्वयं पहुंच चुके हैं, लेकिन गोपनीय विभाग इस ओर क्यों चैन की नींद सोया हुआ है। गोपनीय विभाग की निष्क्रियता के चलते कांवड़ मेले की तैयारियों के बीच भी शराब तस्करी और अवैध शराब का प्रचलन जोरों पर है, जो गोपनीय विभाग की भूमिका को संदिग्धता के घेरे में खड़ा कर देता है। बीते रोज पुराने रानीपुर मोड पर नींद से जागे विभाग ने मुखबिर की सूचना पर शंकर डेयरी पर कार्रवाई तो कर डाली, पर यह शराब का अवैध काउंटर लंबे समय से फल फूल रहा था, अब क्या वजह हुई कार्रवाई की यह महकमा स्वयं ही बता पाएगा।
वैसे तो जिले का गोपनीय विभाग सबसे महत्वपूर्ण विभाग है, लेकिन अवैध शराब की तस्करी पर उनका मौन व्रत उन्हें संदिग्धता के घेरे में ले आता है। ललतारौ पुल के निकट दिनदहाड़े चल रहा केसिनो गोपनीय विभाग की पोल खोल रहा है। खबर डोज पर कई बार केसिनो और अवैध शराब की तस्करी को लेकर खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गई, लेकिन गोपनीय विभाग ने इसकी कोई रिपोर्ट उच्चाधिकारियों तक भेजने की जहमत तक नहीं उठाई।
अब आपको यहां यह बता दें कि धर्मनगरी जल्द ही शिव भक्तों का कांवड़ मेला शुरू होने जा रहा है, जिसके लिए प्रदेश के धाकड़ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यहां स्वयं कई बैठकें करने पहुंच चुके हैं, लेकिन जिले के सबसे महत्वपूर्ण गोपनीय विभाग के अधिकारी ही उन्हें इन सभी सूचनाओं से अवगत नहीं करा रहे हैं, जिससे धाकड़ धामी, जिले के पुलिस कप्तान और जिलाधिकारी की स्वच्छ छवि पर पलीता लग रहा है।
यह किया महकमे ने एहसान
शहर के सबसे व्यस्ततम इलाके पुराना रानीपुर मोड़ की शंकर डेयरी और राणा मोबाइल फोन की दुकान में व्हिस्की और बीयर की खेप पकड़ी गई। बीते शनिवार को आबकारी विभाग की टीम ने शंकर डेयरी पर जब छापा मारा तो दूध दही की जगह व्हिस्की और बियर बिकती हुई मिली। डीप फ्रीजर में व्हिस्की और बियर के अलग-अलग ब्रांड खुलेआम रखे गए थे। फिलहाल महकमे ने यह कार्रवाई कर जिले के उच्चाधिकारियों पर एक बड़ा एहसान कर दिया है। बाकी देखते हैं कि अब महकमा शराब माफियाओं और तस्करों के खिलाफ आगे क्या कार्रवाई करता है। अब गोपनीय विभाग की नींद खुलती है या नहीं, ऐसे कई सवाल प्रशासन की स्वच्छ छवि पर दाग लगा रहे हैं।
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