नगर निगम कोटद्वार की कम वसूली पर नाराज हुए डीएम

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पौड़ी। जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने आज विकास भवन सभागार, पौड़ी में राजस्व स्टाफ की मासिक समीक्षा बैठक ली, जिसमें उन्होंने सर्वप्रथम गत बैठक में दिये गये निर्देशों के क्रम में संबंधित अधिकारियों द्वारा अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी ली। उन्होंने जनपद के समस्त उपजिलाधिकारी, तहसीलदार एवं जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया कि एक संयुक्त टीम बनाकर पैट्रोल पम्प, खाद्यान्न गोदाम, गैस एजेंसी, सस्ता गल्ला दुकानों का निरीक्षण करें। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि नियमावली व अधिनियम के अनुसार अपने दायित्वों का निर्वह्न करें। उन्होंने प्रमुख मुकदमों को कम करने के लिए उपजिलाधिकारी, अभियोजन अधिकारी एवं  पटवारियों को तहसील स्तर पर रोस्टर बनाकर प्रशिक्षण देने की बात कही। उन्होंने तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर राजस्व निरीक्षक चैकियों का निरीक्षण कर सत्यापन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत प्राथमिकता के साथ कार्य करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने राजस्व में कम वसूली को लेकर नाराजगी जताते हुए नगर निगम कोटद्वार, नगरपालिका पौड़ी व श्रीनगर के संबंधित अधिकारी का स्पष्टीकरण तलब किया।
क्रमवार समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने जिला पूर्ति अधिकारी सेे गत बैठक में दिये गये निर्देशों के क्रम में अब तक किये गये निरीक्षण की जानकारी ली, इस पर संबंधित अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि उनके द्वारा 03 खाद्यान्न गोदाम, 03 पैट्रोल पम्प, एक एजेंसी व 09 दुकानों का निरीक्षण किया गया, जिसमें एक दुकान सेड़ियाखाल में कुछ कामियां पाई गई, जिसे निरस्त कर दिया गया है। बताया कि इसी प्रकार जनपद क्षेत्रान्तर्गत 34 दुकानों, 01 एजेंसी, 01 पैट्रोल का भी संबंधित अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया। कहा कि निरीक्षण के दौरान सस्ता गल्ला की दुकानों में साइन बोर्ड, रेट लिस्ट, स्टाॅक बोर्ड, दैनिक वितरण रजिस्टर, स्टाॅक रजिस्टर, बुकलेट यथा निरीक्षण पंजिका, शिकायत पंजिका, कांटे में स्टाम्प लगी सील आदि की जांच की गई। जिलाधिकारी ने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया कि निर्धारित प्रारूप पर निरीक्षण चैक लिस्ट सभी उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार को उपलब्ध करायें। साथ ही कहा कि किये गये निरीक्षण एवं कमियों को पंजिका में दर्ज करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिये कि राशन वितरण का मासिक लक्ष्य बनाते हुए वितरण करना सुनिश्चित करें। साथ ही उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार को निर्देशित किया कि मिड डे मील व्यवस्था वाले स्कूलों का निरीक्षण करें कि जांच ले कि उन्हें मिड डे मील प्राप्त हो रहा है अथवा नहीं। एलपीजी सिलेण्डर की होम डिलीवरी की जानकारी लेते हुए उन्हांेने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिये कि घर-घर तक सिलेण्डर पहुंचाना सुनिश्चित करें।
नगर निगम कोटद्वार की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कम वसूली को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए वसूली में प्रगति लाने के निर्देश दिये। साथ ही पार्किंग स्थलों की सूची भी उपलब्ध कराने को कहा। जिलाधिकारी ने नगर निगम कोटद्वार, नगरपालिका पौड़ी/श्रीनगर, नगर पंचायत सतपुली/जौंक को बकाया वसूली की सूची बनाकर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। साथ ही संबंधित बकायादारों को समय देते हुए नोटिस जारी करने के बाद 15 दिन के भीतर आरसी काटने के भी निर्देश दिये। उन्होंने श्रीनगर में पार्किंग की समस्या को देखते हुए अधिशासी अधिकारी नगरपालिका श्रीनगर को पार्किंग स्थल के लिए जगह चिन्ह्ति करने के निर्देश दिये। उन्होंने विभिन्न मदों से होने वाली वसूली की जानकारी लेते हुए संबंधितों को नोटिस जारी एवं दुकान सील करने के भी निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने नगर निगम, नगर पालिका के टैक्स इंस्पेक्टर को जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय मेें वादों की पैरवी करने हेतु उपस्थित होने के भी निर्देश दिये।
आबकारी विभाग की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने आबकारी अधिकारी को निर्देश दिये कि तीन साल का लक्ष्य, प्राप्ति, दर्ज मुकदमें, जुर्माना आदि का निर्धारित प्रारूप पर तुलनात्मक चार्ट बनाकर प्रस्तुत करें। वहीं उन्होंने जुर्माना, दर्ज मुकादमें तथा उनसे प्राप्त आय की जानकारी लेते हुए तहसीलदारों को निर्देशित किया कि आबकारी इंस्पेक्टर के साथ संयुक्त टीम बनाकर छापेमारी करना सुनिश्चित करें। साथ ही उपजिलाधिकारियों के साथ मासिक बैठक कर समीक्षा करने को भी कहा। अभियोजन की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारी को संक्षिप्त साइन रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने वाद निस्तारण की जानकारी लेते हुए कहा कि पाॅक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों में 25 प्रतिशत की आर्थिक सहायता प्रारम्भ में दे दी जाती है।
राजस्व की समीक्षा के जानकारी लेते हुए जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि बैठक में पूर्ण तैयारी के साथ उपस्थित होना सुनिश्चित करें, ताकि सभी मुद्दों पर समीक्षा अच्छे से हो सके। जिलाधिकारी ने रेवन्यू पुलिस, वसूली, विवेकाधीन कोष, स्वामित्व योजना, वन भूमि हस्तान्तरण प्रकरण, मजिस्ट्रीय जांच की समीक्षा करने के साथ ही विभिन्न वादों के तहत लम्बित दर्ज मुकदमों की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने निर्देशित किया कि एक साल से पुराने लम्बित मामलों/प्रकरणों को एक माह के अन्दर निस्तारित करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार को वाद वार संख्या रिपोर्ट प्रत्येक माह में 30 तारीख तक भेजने के निर्देश दिये।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, अपर जिलाधिकारी डाॅ. एस.के.बरनवाल, उपजिलाधिकारी पौड़ी एस.एस. राणा, रवीन्द्र सिंह, डीएसओ के.एस. कोहली, जिला आबकारी अधिकारी राजेन्द्र लाल, तहसीलदार एच.एम. खण्डूड़ी, विकास अवस्थी, सुधा डोबाल, सुनील राज, अधि.अधि.नगरपालिका श्रीनगर राजेश नैथानी,मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ए.के.रतूड़ी सहित नायब तहसीलदार रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार तथा राजस्व से संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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