बच्चों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होना शुरू, पढ़िये, बेस अस्पताल समेत कोटद्वार शहर में कितने हैं बाल रोग विशेषज्ञ, जनता की राय, क्या है बच्चों के लिए कोविड वैक्सीन की स्थिति

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स्वास्थ्य विभाग की तैयारी जीरो, जिले में 14 पद स्वीकृत, तैनात 4 चिकित्सक
कोटद्वार। कोरोना संक्रमण को लेकर जनता में बड़ी भयावह स्थिति पैदा हो गई है। इसी बीच एक के बाद एक बच्चे में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होना एक बडे़ खतरे की घंटी बजा रहा है। जिले में 14 पदों में से मात्र 4 बाल रोग विशेषज्ञ ही है। जिससे यह साफ हो गया है कि बच्चों के लिए आने वाला समय वाकई बहुत खतरनाक है। प्रदेश सरकार की हर दिन नई कोरोना गाइडलाइन जारी होने के बीच एक ही फरमान जारी होता है कि सभी अपने बच्चों को घरों में सुरक्षित रखें। क्योंकि बच्चों के लिए सरकार को नहीं बल्कि उनके अभिभावकों को जागरूक होना जरूरी है। कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक बताई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी पौड़ी जिले में सिर्फ तैयारी की जा रही है।
दरअसल, पौड़ी जिले में बाल रोग विशेषज्ञों के 14 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से मात्र चार बाल रोग विशेषज्ञ ही जिले में तैनात है। कोटद्वार बेस अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञों के दो पद स्वीकृत हैं, दोनों पदों पर चिकित्सक तैनात है। अब बात पौड़ी जिले के पर्वतीय क्षेत्रों की जाय तो वहां कोई बाल रोग विशेषज्ञ तैनात नहीं है। क्योंकि जिले में जो चार बाल रोग विशेषज्ञ तैनात है, उनमें से दो चिकित्सक कोटद्वार बेस अस्पताल में और दो श्रीनगर बेस चिकित्सालय में तैनात हैं। बच्चों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने का सिलसिला अभी प्रदेश में शुरू हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इससे निपटने के लिए हालांकि कोई तैयारी नहीं की गई है। फिलहाल पौड़ी गढ़वाल में किसी भी कोविड संक्रमित बच्चें की मृत्यु नहीं हुई है। क्योंकि कोरोना संक्रमितों के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड वार्ड तो बनाये गये हैं, लेकिन अभी बच्चों के लिए कोई तैयारी स्वास्थ्य विभाग की ओर से नहीं की गई है। जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि स्वास्थ्य विभाग बच्चों में कोरोना संक्रमित होने की स्थिति में कितना चिंतित है, यह उनकी तैयारियों से लेकर पता चल गया है। पौड़ी जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सीएमओ डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि  जिले में अभी किसी बच्चे में कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है और न ही बच्चों के लिए कोई कोविड वार्ड तैयार किया गया है। इसकी तैयारियों को लेकर शीघ्र ही वीडियो क्रांफ्रेंसिंग की जायेगी। जिसके बाद कोई निर्णय लिया जायेगा। सीएमओ डॉ. शर्मा ने बताया कि कोविड संक्रमण की पुष्टि होने पर बच्चे के साथ जो तीमारदार रहेगा उसको अपना कोविड टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा। यदि इस दौरान किसी बच्चे की मौत हो जाती है तो कोविड प्रोटोकाल के तहत उसका अंतिम संस्कार किया जायेगा। फिलहाल अभी बच्चों के लिए कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सिरप का आर्डर किया है। अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार मनीषा जोशी ने बताया कि बेस अस्पताल में यदि किसी मरीज के परिजन हंगामा काटते हैं या फिर स्वास्थ्य विभाग की संपति पर नुकसान पहुंचाते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

बेस अस्पताल समेत कोटद्वार शहर में है चार बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सक
कोटद्वार। जनपद पौड़ी गढ़वाल में सरकारी अस्पतालों की बात की जाये तो बेस अस्पताल कोटद्वार और श्रीनगर बेस चिकित्सालय में दो-दो बाल रोग विशेषज्ञ है। सीएमओ पौड़ी डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि जिले में बाल रोग विशेषज्ञों के 14 पद स्वीकृत हैं। जिसमें से मात्र 4 ही पदों में बाल रोग विशेषज्ञ हैं। इसके अलावा बेस अस्पताल को अलग करके कोटद्वार शहर की बात की जाये तो यहां पूर्व सीएमएस बेस चिकित्सालय कोटद्वार डॉ. आईएस सामंत और डॉ. मनोज अग्रवाल बच्चों को देखते हैं।  

जनता की राय
कोटद्वार। कोरोना संक्रमित बच्चों के लिए भरपूर मात्रा में दवाईयां होनी चाहिए। साथ ही पर्वतीय जनपदों में बाल रोग विशेषज्ञों की तैनाती की जानी चाहिए। एंबुलेंस में सभी व्यवस्थाएं हो। कोरोना संक्रमित बच्चों के लिए बेहतर सुविधा होनी चाहिए। चिकित्सक, नर्स, आया और वार्ड ब्वाय  समय-समय पर बच्चों को देखें। इन संक्रमित बच्चों के जो भी टेस्ट होने हो, उसकी व्यवस्था लैब में अवश्य होनी चाहिए।

अभी नहीं है बच्चों के लिए वैक्सीन
कोटद्वार। अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड राज्य के बच्चों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होनी शुरू हो गई है। हालांकि बच्चों में कोरोना संक्रमित होने के मामलों ने अभी रफ्तार नहीं पकड़ी है, लेकिन यह बहुत बड़ी चिंता का विषय है। अभी बच्चों की वैक्सीन पर काम चल रहा है। इसके बाद बनेगी, फिर आयेगी। इसमें कितना समय लगेगा, इसका कोई जवाब किसी के पास नहीं है।

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