जिला अस्पताल हरिद्वार में चंदन पैथोलाॅजी लैब की टेस्ट रिपोर्टों गडबडझाला, मात्र लीपापोती तक सीमित रह गई हैं टेस्ट रिपोर्ट

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जिला अस्पताल हरिद्वार की बाल रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में आया मामला, डाक्टर ने पीएमएस को दी सूचना
-पूर्व में भी अस्पताल की चंदन पैथोलाॅजी लैब में कई मरीजों की रिपोर्ट आ चुकी है गलत
-पैथोलाॅजी की लापरवाही मरीज पर पड़ सकती है भारी, गलत रिपोर्ट पर किसी भी मरीज के साथ हो सकती है अप्रिय घटना
हरिद्वार।
धर्मनगरी का सबसे बड़ा जिला अस्पताल हरिद्वार अक्सर अपनी छोटी-छोटी लापरवाही के चलते सुर्खियों में रहता है। अस्पताल की चंदन पैथोलाॅजी लैब की लापरवाही कभी भी मरीज को बड़ी परेशानी में डाल सकती है। पूर्व में भी अस्पताल में कई बार मरीजों की रिपोर्ट गलत आ चुकी है, लेकिन बावजूद इसके लैब संचालक के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई जाती है, जिससे पैथोलाॅजी लैब की मनमानी बदस्तूर जारी है।
बुधवार को जिला अस्पताल हरिद्वार की बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. शशिकांत वशिष्ठ की ओपीडी में एक मामला आया। जिसमें बच्चे के शरीर में विभिन्न स्थानों पर नीले चकतों के निशान पड़े होने की बीमारी सामने आई तो डाॅक्टर ने बच्चे को संबंधित बीमारी के टेस्ट कराने की राय थी। शुक्रवार को रिपोर्ट आने पर बच्चे के पिता ने जब रिपोर्ट डाॅक्टर को दिखाई तो वह रिपोर्ट गलत रिपोर्ट देखकर हैरान हो गए। बच्चे की टेस्ट रिपोर्ट में उपर की ओर प्लेटलेट्स सामान्य लिखे हुए थे, जबकि उसी रिपोर्ट के नीचे की ओर प्लेटलेट्स मात्र 22 हजार लिखे हुए हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. शशिकांत वशिष्ठ के मुताबिक बच्चे की रिपोर्ट में एक ओर प्लेटलेट्स सामान्य लिखा हुआ है तो दूसरी ओर प्लेटलेट्स मात्र 22 हजार लिखे हुए हैं। जबकि बच्चे के प्लेटलेट्स डेढ़ लाख से साढ़े चार लाख होने चाहिए। डाॅ. वशिष्ठ ने बताया कि शरीर पर विभिन्न स्थानों पर नीले चकते (दाने) की बीमारी में मरीज के प्लेटलेट्स डेंगू की बीमारी की तरह टूटने लग जाते है। चंदन पैथोलाॅजी लैब की गलत रिपोर्ट आने की जानकारी उन्होंने अस्पताल के पीएमएस डाॅ. सीपी त्रिपाठी को दी है। पीएमएस ने उक्त मामले से पल्ला झाड़ते हुए शिकायती पत्र आने पर कार्यवाही किए जाने की बात की है। जिला अस्पताल के पीएमएस डाॅ. सीपी त्रिपाठी ने बताया कि बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. शशिकांत वशिष्ठ ने अस्पताल में उपचार कराने आए बच्चे की रिपोर्ट गलत देने का मामला बताया था। जिस पर शिकायती पत्र आने के बाद कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। हालांकि बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. शशिकांत वशिष्ठ ने स्वयं भी चंदन पैथोलाॅजी लैब के डाक्टर से वार्ता की है।
यहां यह बतातें चले कि जिला अस्पताल में इस तरह के मामले कई बार आ चुके हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई कार्यवाही अमल में लाई जाती है। जिससे यह साफ हो गया है कि स्वास्थ्य विभाग मरीजों के स्वास्थ्य के प्रति कितनी गंभीरता से कार्य कर रहा है। चंदन पैथलॉजी के सीनियर मैनेजेर मनोज बेलवाल ने बताया कि मामला संज्ञान में नही है। हरिद्वार ब्रांच प्रभारी से वार्ता कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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