जिला अस्पताल हरिद्वार में खुले टिनशेड में स्ट्रेचर पर मृतकों के शवों का हो रहा है पोस्टमार्टम, वीडियो पोस्टमार्टम हाउस

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वैभव भाटिया, हरिद्वार। जिला अस्पताल में खुले टिनशेड में स्ट्रेचर पर मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। सुनने में भले हैरानी हो, लेकिन यही सच है।

खुले में पोस्टमार्टम होने से शवों को आवारा कुत्तों के नोंचने की डर बना रहता है। लेकिन पोस्टमार्टम करने वाला स्टाफ मजबूर है। दरअसल, 15 दिन पूर्व बारिश होने से पोस्टमार्टम हाउस के भवन की एक दीवार ढह गई थी। भवन में जगह-जगह दरारें आने से उसके भरभराकर गिरने की आशंका बनी है। स्टाफ भवन में जाने से कतरा रहा है और खुले टिन शेड में शवों का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। पोस्टमार्टम हाउस शिफ्ट कराने के लिए अभी तक प्रस्ताव ही नहीं बन सका है।
एक पखवाड़े पूर्व तेज आंधी और भारी बारिश के चलते पोस्टमार्टम हाउस के भवन की एक साइड की दीवार गिर गई। पोस्टमार्टम हाउस के दोनों कमरों को खाली कर सामान सुरक्षित कर दिया गया। लेकिन शवों के पोस्टमार्टम के लिए वैकल्पिक जगह की व्यवस्था नहीं हो सकी। जर्जर भवन के कभी भी गिरने की आशंका से कर्मचारी उसके अंदर जाने से कतरा रहे हैं। रोशनाबाद स्थित जिला मुख्यालय पर स्वास्थ्य विभाग का पोस्टमार्टम हाउस बना है। लेकिन वहां आसपास आबादी बस चुकी है। लोगों के विरोध के चलते आज तक जिला अस्पताल से पोस्टमार्टम हाउस वहां शिफ्ट नहीं हो सका।
सीएमओ डा. मनीष दत्त ने रुड़की या रोशनाबाद में पोस्टमार्टम हाउस शिफ्ट करने के लिए जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से बातचीत करने का दावा किया था। लेकिन आज तक डीएम को शिफ्ट करने के लिए प्रस्ताव ही नहीं बन सका है। जिला अस्पताल के जर्जर पोस्टमार्टम हाउस के पास ही खुले टिनशेड में शवों की चीरफाड़ होती है। टिन शेड एक तरफ से पूरी तरह खुला है। वहां आवारा कुत्तों और दूसरे जंगली जानवरों के पहुंचने का खतरा बना रहता है। कर्मचारी मजबूरी में टिनशेड में शवों का पोस्टमार्टम करने को मजबूर हैं।
लगभग आठ साल पहले करीब 24 लाख रुपये खर्च कर रोशनाबाद में पोस्टमार्टम हाउस बनाया गया था। कुछ जनप्रतिनिधियों और स्थानीय जनता के विरोध के कारण यह अभी तक वहां पर शिफ्ट नहीं हो पाया है। ऐसे में रोशनाबाद का पोस्टमार्टम हाउस प्रयोगहीन अवस्था में है।
जिला अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस डॉ. चंदन मिश्रा के मुताबिक पिछले दिनों जिला अस्पताल के अधिकारी-कर्मचारी वित्तीय वर्ष की क्लोजिंग में लगे थे। शनिवार से नया सत्र शुरू हो गया है। अब इसका प्रस्ताव बनाकर डीएम जिलाधिकारी और सीएमओ को भेजा जाएगा।
सीएमओ हरिद्वार डॉ. मनीष दत्त के मुताबिक जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसतन पांच से छह पोस्टमार्टम होते हैं। पोस्टमार्टम का कार्य न रूके, इसके लिए वहां पर वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। इस जर्जर भवन का आपदा राहत अथवा जिला योजना से निर्माण कराया जा सकता है।

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