एएचटीयू हरिद्वार की बड़ी कार्रवाईः प्रोस्टीट्यूशन के दलदल की ओर बढ़ रहे नाबालिकों के कदमों पर लगाई रोक, देखिये वीडियो

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एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल

एएचटीयू हरिद्वार की बड़ी कार्रवाईः प्रोस्टीट्यूशन के दलदल की ओर बढ़ रहे नाबालिकों के कदमों पर समय रहते लगाई रोक
-ऑपरेशन स्माइल के तहत की गई कार्रवाई, दंपत्ति मुनाफा कमाने को रहे थे दो नाबालिकों सौदा
-फाइनल स्टेज पर थी डील, दलालों के हाथ शाम को होनी थी लड़कियों की डिलीवरी
हरिद्वार। हरिद्वार पुलिस की एएचटीयू टीम ने मंगलवार को ह्यूमन ट्रैफिकिंग के एक बड़े मामले का पर्दाफाश किया है। एएचटीयू टीम ने एक दंपति पर आॅपरेशन स्माइल के तहत कार्रवाई करते हुए दो मासूमों को उनके चुंगल से छुड़ाया है। फाइनल स्टेज पर पहुंच चुकी डील से पहले ही टीम ने मास्टर माइंड दंपति और चार दलालों को दबोच लिया।
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग प्रभारी राकेंद्र कठैत के मुताबिक एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र डोबाल के निर्देश पर हरिद्वार पुलिस की एएचटीयू शाखा ने ऑपरेशन स्माइल के तहत संजय नगर टिबडी स्थित एक मकान में संदिग्ध गतिविधि होने के संबंध में मुखबिर की ओर से दी गई सूचना का गंभीरता पूर्वक संज्ञान लेकर मंगलवार को दो मासूम नाबालिक लड़कियों को ह्यूमन ट्रैफिकिंग के धंधे में जाने से ठीक पहले बचाते हुए इस गोरखधंधे के मास्टरमाइंड दंपत्ति और चार दलालों को दबोचने में सफलता हासिल की है। आरोपी दंपत्ति किराए का कमरा लेकर रह रही थी। जहां पिछले कुछ दिनों से उन्होंने अपने साथ दो नाबालिक लड़कियों को रखा हुआ था। पुलिस टीम ने औचक छापेमारी की तो पता चला कि दोनों नाबालिक आपस में बहने हैं। अपने घर प्रयागराज से भागकर दिल्ली आई थी, जहां आरोपी आलोक ने उन्हें नौकरी लगाने का झांसा दिया और अपने साथ टिबड़ी स्थित अपने कमरे पर ले आया। दंपत्ति ने लड़कियों को सज संवरकर धंधे के लिए तैयार रहने के लिए कहकर हर दिन दस हजार रुपए देने की बात कही थी। पूछताछ में पता चला कि अभियुक्त आलोक की पत्नी कुछ दलालों से बातचीत कर सौदा फाइनल करने के लिए बाहर गई हुई है। अभियुक्त आलोक को साथ लेकर पुलिस टीम ने सौदा करने आ रही दूसरी पार्टी की घेराबंदी के लिए अपना जाल बिछाकर चंडीघाट पुल के पास से सेंट्रो कार में सवार महिला अभियुक्ता सहित लड़कियों का सौदा करने आए प्रवीण, रामकुमार, अनश और अनवर अंसारी को हिरासत में लिया। पुलिस टीम अभियुक्त आलोक की फरार पत्नी की तलाश में जुटी हुई है। चंडीघाट चैक के पास से गिरफ्त में आए अभियुक्तों से की गई पड़ताल में प्रारंभिक तौर पर जानकारी मिली है कि अभियुक्त आलोक इस गिरोह को समय-समय पर लड़किया और महिलाएं सप्लाई करता था, जिन्हें गिरोह सस्ते दामों में खरीद कर आगे बेच देता था। एएचटीयू की ओर से कोतवाली रानीपुर में सभी अभियुक्तों को दाखिल कर दी कई फर्द के आधार पर पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। सकुशल बरामद की कई नाबालिक किशोरियों के घर से संबंधित थाने से संपर्क करने पर जानकारी मिली कि परिजनों की शिकायत पर प्रयागराज में गुमशुदगी दर्ज कर उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से दोनों बालिकाओं की तलाश की जा रही थी। सूचना मिलने पर बालिकाओं के परिजन भी हरिद्वार पहुंच चुके हैं। पुलिस पूछताछ में अभियुक्तों ने अपना नाम आलोक पुत्र सुरेश चंद्र शुक्ला निवासी ग्राम काली देवी मौहल्ला निकट रेलवे स्टेशन थाना गुमना जिला फरुखाबाद, प्रवीण पुत्र जय भगवान निवासी बिहारी कॉलोनी जमालपुर कनखल, पूजा पत्नी सतीश सकलानी निवासी थापा गली निकट ग्रीन वैली स्कूल सेलाकुई जिला देहरादून, रामकुमार पुत्र भीम सिंह निवासी रेलवे फाटक गाजियाबाद, अनश पुत्र मेहबूब निवासी ग्राम पिथोड़ थाना किरतपुर तहसील नजीबाबाद जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश और अनवर अंसारी पुत्र सलीम अंसारी निवासी जमालपुर कला कनखल बताया है। जबकि अभियुक्त आलोक की पत्नी फरार चल रही है। पुलिस टीम को अभियुक्तों से एक सेंट्रो कार और 6 मोबाइल मिले हैं। पुलिस टीम में एएचटीयू प्रभारी हरिद्वार निरीक्षक राकेंद्र कठैत, उपनिरीक्षक जयवीर सिंह रावत, हेड कांस्टेबल राकेश कुमार, बलवंत, विमल, महिला कांस्टेबल दीपा कल्याणी, रेशमा सुल्ताना, आरती शामिल रहे।

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