रूस से आए तीन जोड़ों ने हरिद्वार में हिंदू रीति रिवाज के साथ चुना जीवन साथी, देखिये वीडियो

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हरिद्वार। रूस से आए तीन जोड़ों ने बुधवार को धर्मनगरी हरिद्वार में न केवल हिंदू रीति रिवाज से एक दूसरे को जन्म जन्मांतर के लिए अपना जीवनसाथी चुना। उन्होंने वैदिक मंत्रों के बीच सात फेरे और संतों के आशीर्वाद प्राप्त किए।

हरिद्वार के अखंड परमधाम में पहुंचे रूसी जोड़े में लैरिसा ने यूरा के साथ, एलसी ने रुशलम के साथ और विक्टोरिया ने मैटवी के साथ विवाह किया। अग्नि के सात फेरे लेने के साथ इन जोड़ाें ने वैदिक परंपरा के अनुसार जनम-जनम तक साथ रहने का संकल्प भी लिया।
बता दें कि रूस सेंट पीटर्सबर्ग मास्को व अन्य शहरों के अंग्रेज युवाओं को शादी के बंधन में बंधने के दौरान बाराती भी रूस से आए थे। वर और वधु को उन्होंने भारतीय संस्कृति के अनुरूप जयमाल मंडप में आशीर्वाद प्रदान किया। इसमें कई संत भी शामिल हुए। रूस से आए करीब 25 सदस्यों के दल ने खूब मस्ती की। उनकी आगवानी निकली, गढ़वाली और कुमाऊंनी गीत की धुन बजे। बैग पाइपर, ढोल और दमाउ की थाप पर रूसी बराती खूब थिरके। उनके इस अंदाज को देखने वाले भी सहज उनकी बरात में शामिल हो गए। अखंड परमधाम में यह रोचक नजारा पर्यटन स्थली और धर्मनगरी में देश के अन्य राज्यों से घूमने आए युवाओं के लिए बेदह खास रहा। सभी ने अपने मोबाइल कैमरों में इस पल को कैद किया। महा मंडलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद के मुताबिक रुसी जोड़े के अनुग्रह को स्वीकार्य करते हुए उन्हें हिंदू सनातन संस्कृति से जोड़ा गया। यह विशेषता है हिंदू धर्म और इसके संस्कार की कि वह सभी को आत्मसात करता है। वसुधैव कुटुंबकम की यही अवधारणा भी रही है। जो भी इस संस्कृति और सभ्यता को सही तरीके से समझ जाता है उसके लिए सभी कुछ आसान होता है।
रूसी जोड़े को आशीर्वाद देने के लिए बराती बनकर विश्व हिंदू परिषद के अखिल भारतीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी, श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम, जिला धर्माचार्य संपर्क प्रमुख मयंक चौहान, बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक विकास प्रधान समेत बड़ी संख्या में संत भी शामिल हुए।

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