स्वास्थ्य विभाग से नहीं बनी बात, अब नहीं होगी वरिष्ठ फिजिशियन डाॅ. संदीप टंडन की हरिद्वार जिला अस्पताल वापसी
-जिला अस्पताल में लंबे समय तैनात रहे डाॅ. संदीप टंडन का हुआ था 31 जुलाई को रिटायरमेंट
-धामी सरकार की यू कोट वी पे योजना के तहत उत्तराखंड को मिलने थे 24 स्पेशालिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डाॅक्टर
हरिद्वार। जिला अस्पताल में तैनात रहे वरिष्ठ फिजिशियन डाॅ. संदीप टंडन की अब स्वास्थ्य विभाग से वेतन संबंधी समस्या का निस्तारण न होने के बाद वापसी नहीं हो पाएगी। डाॅ. संदीप टंडन इसी वर्ष 31 जुलाई को जिला अस्पताल हरिद्वार में अपनी लंबी सेवाएं देने के बाद सेवानिवृत्त हुए थे। जिसके बाद प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार की यू कोट वी पे योजना के तहत उत्तराखंड को 24 स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डाॅक्टर को तैनाती दी जानी थी, जिसमें कई चिकित्सकों ने वेतन कम मिलने की समस्या बताते हुए स्वास्थ्य विभाग को बाॅय-बाॅय कर दिया है। सरकारी अस्पतालों से रिटायर्ड हुए कई चिकित्सक अब यूपी की ओर अपनी सेवाएं देने को मजबूर हो रहे हैं। जिससे सरकार का पर्वतीय क्षेत्रों में डाॅक्टरों की कमी को पूरा करने का सपना अधूरा होता दिख रहा है।
आपकों बतातें चले कि स्वास्थ्य विभाग लंबे समय से राज्य के पर्वतीय जिलों में स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टरों की कमी को दूर करने की कवायद कर रहा था। जिसके पहले चरण में 24 डॉक्टरों का चयन किया गया था। इनमें पैथोलॉजिस्ट, गायनोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक, सर्जन, पीडियाट्रिश, ऑर्थोपेडिक डॉक्टरों को तैनाती दी जानी थी, लेकिन कुछ चिकित्सकों ने स्वास्थ्य विभाग के इस आॅफर को ठुकरा दिया है। अब वह यूपी में अपनी स्वास्थ्य सेवाएं देने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में कैसे चिकित्सकों की कमी को पूरा कर पाएगा। यह स्वास्थ्य विभाग की आगे होने वाली कसरत से साफ हो पाएगा। 31 जुलाई को जिला अस्पताल हरिद्वार से सेवानिवृत्त हुए वरिष्ठ फिजिशियन डाॅ. संदीप टंडन ने बताया कि सरकार की ओर से यू वी कोट पे योजना के तहत उनकी नियुक्ति की जानी थी, लेकिन उन्हें अन्य चिकित्सकों के मुकाबले कम वेतन दिया जाना तय किया गया। उन्होंने बताया कि अन्य अस्पताल में तैनात फिजिशियन को विभाग की ओर से 3 लाख 75 हजार वेतन दिया जा रहा है और उन्होंने विभाग को 2 लाख 80 हजार वेतन कोड किया था, लेकिन विभाग की ओर से उन्हें मात्र 1 लाख रूपये वेतन देने की बात कही गई। जिसके चलते उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को बाॅय-बाॅय कह दिया है। उधर, प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि अभी चिकित्सकों से वार्ता चल रही है, जल्द ही वेतन संबंधी समस्या का निस्तारण कर चिकित्सकों की कमी को पूरा किया जाएगा।
दरअसल यह सारी भर्तियां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर की जा रही हैं। प्रदेश के पहाड़ी जिलों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, दवाईयां, आधुनिक चिकित्सा उपकरण की सुविधाएं तो है, लेकिन प्रदेश के कुछ स्थानों पर स्पेशलिस्ट डाक्टरों के रिक्त पदों के कारण आमजन को पूर्णता सुविधाओं का लाभ नही मिल पा रहा था।
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