बड़ी खबर: नगर निगम की लापरवाही, कोटद्वार की हदयस्थली झंड़ाचौक पर झंडा नही, देखिये वीडियो क्या कहते है नगर आयुक्त

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कोटद्वार। राजा भरत की जन्मस्थली कण्वनगरी कोटद्वार की हदयस्थली कहे जाने वाले झंडाचौक पर लगभग साढ़े तीन माह से झंडा नहीं लगा है। केवल झंडे का पाइप ही लगा हुआ है। यह झंडा, जिसके नाम से कोटद्वार में झंडाचौक जाना जाता है, वहां झंडा न होना नगर निगम की लापरवाही को दर्शा रहा है।


झंडाचौक के व्यापारी सुरेंद्र सिंह सैनी ने बताया कि लगभग साढ़े तीन माह पूर्व झंडा आंधी तूफान आने के कारण हल्का सा फट गया था, जो कि सिलवाने से मात्र ठीक हो जाता,  लेकिन नगर निगम की ओर से इस ओर कोई प्रयास नहीं किया गया। जिससे उनकी झंडे के प्रति गंभीरता साफतौर पर दिख रही है।

वॉल ऑफ काइंडनेस संस्था के अध्यक्ष मनोज नेगी ने बताया कि स्थानीय जनता के सहयोग से कोटद्वार को एक अलग पहचान दिलाने के लिए झंडाचौक पर लगभग 12×18 का झंडा लगाया था। अब आंधी तूफान में हल्का सा फट जाने के बाद नगर निगम कोटद्वार ने उसे सिलवाने तक की जहमत नहीं उठाई है। जिससे झंडाचौक पर झंडा न होने से वहां खाली-खाली सा लग रहा है। नगर निगम के नगर आयुक्त पीएल शाह का कहना है कि झंडाचौक पर नियमित रूप से झंडा लगता था, लेकिन झंडे को लगातार लगाये रखने का कोई प्राविधान नहीं है। जब कोई राष्ट्रीय पर्व आता है जैसे 15 अगस्त, 26 जनवरी और गांधी जयन्ती आती है तो उस समय हम उसमें झंडा लगाते हैं।   

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