सीएम धामी ने वात्सल्य योजना के तहत 6 हजार बच्चों के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर की 12 करोड़ की धनराशि
–लिंगानुपात मे सुधार के लिये पीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन और जिला स्तर पर टास्क फोर्स के दिये निर्देश
–सामाजिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं को अपणि सरकार पोर्टल से भी जोडे जाने की हो व्यवस्था
–मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी। आनन्द बर्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, हरि चंद्र सेमवाल, एस.एन. पाण्डे के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में लिंगानुपात में सुधार लिये पीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन पर ध्यान देने के लिये जिला अधिकारियों की अध्यक्षता में जिला स्तर पर टास्क फोर्स के गठन के निर्देश दिये। उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के प्रति सामाजिक जागरूकता के प्रसार तथा राज्य को नशा मुक्त बनाये जाने के लिये नशामुक्ति केंद्रों की स्थापना पर ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने पात्र लोगों को त्वरित ढंग से महिला एवं बाल विकास के साथ समाज के कल्याण की योजनाओं का लाभ मिल सके, इसके लिये सामाजिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं को अपणि सरकार पोर्टल से भी जोडे जाने की व्यवस्था किये जाने एवं विभागीय स्तर पर एप तैयार किये जाने के निर्देश दिये। केन्द्र सरकार की योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित किये जाने तथा आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ कुपोषित बच्चों को गोद लेने के लिये मिशन मोड में योजना बनाने पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने वात्सल्य योजना के तहत 06 हजार बच्चों के खाते में ऑनलाइन 12 करोड़ की धनराशि ट्रांसफर करते हुए कहा कि अनाथ बच्चों की सहायता के लिये सामाजिक सहयोग भी लिया जाय। उन्होंने स्ट्रीट चिल्ड्रन पॉलिसी बनाये जाने के साथ राज्य स्तरीय स्पान्सरशिप ट्रस्ट के गठन की संभावनाये तलासी जाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य पीड़ितों, असहायों एवं जरूरत मंदों की मदद करना है। केंद्र सरकार की आईसीडीएस, प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना, राष्ट्रीय पोषण अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टाप सेंटर, राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन नम्बर 181, कामकाजी महिला छात्रावास तथा राज्य सरकार की नन्दा गौरा योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना, मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत जैसी योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं एवं बच्चों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ बनाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में भी सरलीकरण का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। नियमों के सरलीकरण से लोगों को उनका त्वरित ढंग से लाभ मिलेगा तथा उनकी समस्याओं का भी समाधान होगा।
सचिव हरि चन्द्र सेमवाल द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में आईसीडीएस, महिला एवं बाल विकास से सम्बन्धित केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी प्रस्तुत की गई।
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