डीएम पौड़ी की अधिकारियों को दो टूक, गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ पूर्ण करें विकास कार्य, कमी पाएं जाने पर होगी कार्रवाई, देखिए वीडियो

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खबर डोज, पौड़ी। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने शुक्रवार को जिला सभागार में जिला योजना एवं बीस सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने विभागवार योजनाओं की प्रगति, व्यय हुई धनराशि एवं लंबित कार्यों की स्थिति की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने कहा कि विकास कार्यों को गुणवत्ता एवं समयबद्धता के साथ पूरा करना सभी विभागों की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को धरातल पर कार्य पूर्ण होने की औचित्यता के लिए कार्य के भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिये कि जिन कार्यों में देरी हो रही है, उन्हें तुरंत शुरू कर निर्धारित समय में पूर्ण करें। उन्होंने चेतावनी दी कि अनावश्यक विलंब या गुणवत्ता में कमी किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जनसुविधा से जुड़े कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड पौड़ी को निर्देशित किया कि पौड़ी नगर स्थित पुस्तकालय के कार्यों में तेजी लाएं। साथ ही उन्होंने सड़कों के गड्ढामुक्त करने की स्थिति की जानकारी ली और कहा कि जिन मार्गों पर अभी तक मरम्मत या डामरीकरण कार्य पूरा नहीं हुआ है, उन्हें तत्काल पूरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

जिलाधिकारी ने मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी सरकार की प्राथमिक योजनाओं में से एक है, इसलिए यहां शिक्षा, पोषण एवं स्वच्छता की सुविधाएं बेहतर हों। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक केंद्र पर उपलब्ध संसाधनों, आधारभूत संरचना और बाल विकास से जुड़ी गतिविधियों की नियमित निगरानी सुनिश्चित करें।

बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद में प्रस्तावित आयुर्वेद विलेज परियोजना की समीक्षा करते हुए कहा कि इस योजना में स्थानीय स्थापत्य शैली और संस्कृति को प्रमुखता दी जाए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विलेज न केवल स्वास्थ्य पर्यटन का केंद्र बनेगा, बल्कि यह आयुर्वेद और वेलनेस के संवर्धन का भी माध्यम बनेगा।

जिलाधिकारी ने पशुपालन विभाग को निर्देश दिये कि पशुओं के टीकाकरण अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक पशुपालक इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि टीकाकरण के साथ-साथ पशुओं के स्वास्थ्य शिविरों की संख्या बढ़ायी जाय और ग्रामीण क्षेत्रों में इसके प्रति जागरूकता लायी जाय।
उन्होंने कृषि, उद्यान, मत्स्य, सहकारिता, पंचायतीराज, पर्यटन, खेल, सिंचाई एवं वन विभागों के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की।

जिलाधिकारी ने बंदरों आदि जंगली जानवरों से बचाव हेतु कृषि, उद्यान और वन विभाग को संयुक्त समिति बनाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा दिया जाय ताकि किसानों की आमदनी में वृद्धि हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सहकारिता समितियों को सशक्त किया जाय और ग्रामीण युवाओं को रोजगारोन्मुखी योजनाओं से जोड़ा जाय। जिलाधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपनी-अपनी तीन सर्वश्रेष्ठ योजनाओं का विस्तृत विवरण, फोटोग्राफ और सफलता की कहानियों सहित रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी स्वयं क्षेत्र में जाकर विकास कार्यों की वास्तविक स्थिति का निरीक्षण करें, ताकि योजनाओं की प्रभावशीलता का सही मूल्यांकन किया जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट कहा कि जिन कार्यदायी संस्थाओं का कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं पाया जाएगा, उन्हें भविष्य में कार्य आवंटन से वंचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा, चाहे वह कितना ही छोटा कार्य क्यों न हो।

जिलाधिकारी ने जिला, राज्य, केंद्र पोषित एवं बाह्य सहायता प्राप्त योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी विभाग अपने लक्ष्यों को शत-प्रतिशत प्राप्त करने का प्रयास करें। उन्होंने बीस सूत्रीय कार्यक्रम की प्रगति पर भी चर्चा की और जिन विभागों की रैंकिंग कम रही, उन्हें चेतावनी दी कि लक्ष्यपूर्ति में कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि विकास योजनाओं की सच्ची सफलता तभी मानी जाएगी जब उसका लाभ सीधे आमजन तक पहुंचे।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. शिव मोहन शुक्ला, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राम सलोने, अधीक्षण अभियंता जल संस्थान प्रवीण सैनी, जल निगम मो. मीशम, मुख्य कृषि अधिकारी विकेश कुमार यादव, मुख्य शिक्षाधिकारी नागेंद्र बर्तवाल, डीपीआरओ जितेंद्र कुमार, जिला पर्यटन विकास अधिकारी खुशाल सिंह नेगी, जिला समाज कल्याण अधिकारी रोहित डुबरिया, मत्स्य अधिकारी अभिषेक मिश्रा सहित सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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