कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस मुख्यालय में आज हुई हाईलेवल मीटिंग, लिए महत्वपूर्ण निर्णय

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देहरादून। पिछले दो सालों से प्रतिबंधित कांवड़ यात्रा में इस बार 4 करोड़ से ज्यादा कावड़ियों के आने की आशंका है। लिहाजा यात्रा में ट्रैफिक व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने, किसी भी अपराधिक घटनाओं पर रोक और हुड़दंगियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस प्रशासन ने अब तैयारियां शुरू कर दी है। जिसके चलते देहरादून पुलिस मुख्यालय में आज हाईलेवल अन्तर्राज्यीय मीटिंग हुई। बैठक में दिल्ली, यूपी, हरियाणा, हिमाचल और पंजाब सहित पुलिस के बड़े अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में कांवड़ यात्रा को सकुशल निपटाने पर चर्चा हुई। लंबे समय से कोरोना के चलते कावड़िए कांवड़ लेने नहीं आये हैं। कांवड़ यात्रा की आड़ में कोई भी अपराधिक तत्व प्रदेश की सीमाओं से फरार न हो सके, इस पर भी चर्चा की गई। इस मीटिंग में कांवड़ यात्रा में बाधित होने वाले रूट और ट्रैफिक डायवर्जन पर भी सभी राज्यों के अधिकारियों की बातचीत हुई। साथ ही कांवड़ यात्रा मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी की जायेगी। दो साल बाद शुरू हो रही कांवड़ यात्रा में रिकार्ड शिवभक्त हरिद्वार और गंगोत्री यमुनोत्री धाम में पहुंचने की उम्मीद है। क्योंकि चारधाम यात्रा में जिस प्रकार से प्रदेश में श्रद्धालुओं की संख्या ने रिकार्ड कायम किया। उसी तर्ज पर कांवड़ यात्रा में भी रिकार्ड शिव भक्त प्रदेश में पहुंचने की उम्मीद है। डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि कांवड़ यात्रा के लिए तैयारियां शुरू हो गयी हैं और उम्मीद है कि चारधाम यात्रा में जिस तरह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। उसी तर्ज पर प्रदेश में दो साल बाद शुरू हो रहे कांवड़ यात्रा में भी शिव भक्तों का रिकार्ड टूटेगा। जिसके लिए तैयारियां जोरों से हैं और कांवड़ यात्रा शंतिपूर्ण चले। जिसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्होंने बताया कि इस बार चार करोड़ के लगभग कावड़िए उत्तराखंड पहुंचेंगे, जो कि अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड होगा। लिहाजा पुलिस ने भी करीबन 10 हजार पुलिसकर्मियों को सुरक्षा व्यवस्था में लगा रखा है। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था भी पुख्ता कर दी गई है। किसी भी प्रकार से हुड़दंग से निपटने को लेकर पुलिस पूरी तरह तैयार है।

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