होली में कोटद्वार शहर से गायब रही होल्यारों की टोली
– कोरोना के चलते रंगों और पिचकारी की बिक्री भी रही हल्की
कोटद्वार। रंगों के त्यौहार होली में इस बार रंग कम देखने को मिले हैं। हर बार होली के त्यौहार में कोटद्वार शहर में अलग-अलग स्थानों पर होल्यारों की टीम घूमती नजर आती थी, वह भी इस बार कहीं देखने को मिली। वहीं होली का त्यौहार मनाने को लेकर भी लोगों में उत्साह कम दिखा। कोटद्वार के झंडाचौक पर रंगों और पिचकारियों की दुकानें सजी है, लेकिन उनकी खरीददारी करने वाले लोग कम है।
रंगों के त्यौहार होली में जहां कई स्थानों पर घरों की छतों से बच्चे गुब्बारें मारते दिखाई देते थे, वह इस बार बहुत कम है। पहले होली के त्यौहार के एक सप्ताह पूर्व से ही बच्चे पानी के गुब्बारें रंग बिरंगे पानी से भरकर लोगों पर मारते हुए नजर आते थे। वहीं कई स्थानों पर होलिका दहन कार्यक्रम पूर्व की तरह आयोजित किया जा रहा है। झंडाचौक, गाड़ीघाट, गोविंदनगर समेत नगर के कई स्थानों पर होलिका दहन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। हर बार की तरह इस बार भी झंडाचौक पर डीजे लगाया गया है। जहां कई लोग डीजे पर डांस करते दिखाई दिए। पिछली बार की होली कोरोना माहमारी के चलते लोगों की फिकी रही। इस बार फिर से होली के त्यौहार के समय कोरोना बीमारी तेजी से फैल रही है। जिसके चलते लोग बाजारों और भीड़भाड वाले इलाकों की ओर कम रूख कर रहे हैं। झंडाचौक पर पिचकारी बेच रहे एक विक्रेता विकास अग्रवाल का कहना है कि पहले होली के त्यौहार रंगों और पिचकारियों की बिक्री खूब होती थी, लेकिन इस बार कोरोना माहमारी के चलते बिक्री कम हुई है।
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