पत्रकारिता का 200वें वर्ष में प्रवेश: प्रेस क्लब हरिद्वार में धूमधाम से मनाया गया हिंदी पत्रकारिता द्विशताब्दी समारोह, श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रमों का आयोजन शुरू

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नवजागरण युगीन पत्रकारिता विषय पर आयोजित हुआ समारोह

एनयूजे आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी, जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी समेत कई दिग्गज पत्रकारों ने की कार्यक्रम में शिरकत

हिंदी के प्रथम समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड के हिंदी पत्रकारिता में सराहनीय योगदान को सराहा

हरिद्वार। हिंदी पत्रकारिता के 200 वर्ष पूर्ण होने पर सोमवार को प्रेस क्लब हरिद्वार में हिंदी पत्रकारिता द्विशताब्दी समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर हिंदी के प्रथम समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड ने हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत कर देश और समाज के निर्माण में दिए गए सराहनीय योगदान को सराहा गया।

नवजागरण युगीन पत्रकारिता विषय पर हरिद्वार प्रेस क्लब सभागार में आयोजित हिंदी पत्रकारिता द्विशताब्दी समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि एनयूजे आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी, जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी, प्रेस क्लब अध्यक्ष धर्मेन्द्र चौधरी और महामंत्री दीपक मिश्रा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एनयूजे आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि पत्रकारिता एक मिशन होता है। देश की आजादी में पत्रकारिता का अहम योगदान रहा है, लेकिन आज पत्रकारिता मिशन नहीं रह गई है। आज की पत्रकारिता में और 1826 की पत्रकारिता में बहुत अंतर है। कहा कि उन्होंने वर्ष 1980 में अपना पत्रकारिता का सफर शुरू किया। दो खबरों के प्रकाशन के बाद उन्हें सभी लोगों ने सम्मान दिया और उन्हें बुलाना शुरू कर दिया, लेकिन आज पत्रकारिता की स्थिति ऐसी है कि लोग पत्रकारों को देखकर दूर भागते हैं। कहा कि आज की पत्रकारिता पूंजीपतियों और उद्योगपतियों के लिए एक मिशन बन चुकी है। आज कोई भी संपादक पत्रकारों से जुड़े किसी कार्यक्रम में नहीं जाते हैं। आज बड़े-बड़े संस्थानों में संपादक नहीं बल्कि मैनेजर आ गए हैं। जो कर्मचारियों का शोषण करते हैं। कहा कि आज जो पत्रकारिता क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, वह अपने बच्चों को पत्रकारिता क्षेत्र में नहीं लाते हैं। वक्तव्य में उन्होंने पत्रकारिता के सफर के अपने अनुभवों को भी सभी के साझा किए।

इस मौके पर जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी ने कहा कि नवजागरण युगीन पत्रकारिता विषय स्वतंत्रता से पूर्व का है। भारत का मूल मंत्र सत्यमेव जयते है। कहा कि ईश्वर के मानस का नाम नारद है। नारद ईश्वर के विश्वसनीय पात्र है। कहा कि पत्रकारिता पर लोगों को आज विश्वास है और इस विश्वास को बनाए रखना हर पत्रकार की जिम्मेदारी है। पत्रकारिता एक बड़ा दायित्व है। उन्होंने प्रेस क्लब हरिद्वार के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां साहित्य की बात होती है, प्रेस क्लब नवाचार के सम्मान में भी सबसे आगे है। कहा कि पत्रकारिता का धर्म निभाना आसान नहीं है, लेकिन अपने धर्म को निभाने के लिए पत्रकार को कठिन परिश्रम करना पड़ता है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार सुनील दत्त पांडे ने कहा कि हिंदी भाषा में ‘उदन्त मार्तण्ड’ के नाम से पहला समाचार पत्र 30 मई, 1826 में निकाला गया था। इसलिए इस दिन को हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है। पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने इसे कलकत्ता से एक साप्ताहिक समाचार पत्र के तौर पर शुरू किया था। इसके प्रकाशक और संपादक भी वे खुद थे। इस तरह हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले पंडित जुगल किशोर शुक्ल का हिंदी पत्रकारिता जगत में विशेष सम्मान है। कहा कि पैसों की तंगी की वजह से ‘उदन्त मार्तण्ड’ का प्रकाशन बहुत दिनों तक नहीं हो सका और आखिरकार 4 दिसंबर 1826 को इसका प्रकाशन बंद कर दिया गया। आज का दौर बदल चुका है। पत्रकारिता में बहुत ज्यादा आर्थिक निवेश हुआ है और इसे उद्योग का दर्जा हासिल हो चुका है। हिंदी के पाठकों की संख्या बढ़ी है और इसमें लगातार इजाफा हो रहा है।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता सपे संग्रहालय भोपाल के संस्थापक विजय दत्त श्रीधर जी ने कहा कि एक संगठन के रूप में प्रेस क्लब हरिद्वार के स्तर पर पत्रकारों के लिए बीते 39 वर्ष अत्यंत सक्रिय सार्थक और स्मरणीय है। इस दौर में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारों ने सजग प्रहरी की भूमिका निभाई है तो जन चेतना और समाज कल्याण के अपने दायित्व और संकल्प का भी सफलतापूर्वक निर्वाहन किया है।

प्रेस क्लब अध्यक्ष धर्मेन्द्र चौधरी ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता के 200 वर्ष पूर्ण हुए है, पूरे वर्ष कार्यक्रमों की श्रृंखला चलाई जाएगी। हरिद्वार प्रेस क्लब देश के उन चुनिंदा प्रेस क्लबों में एक है, जो अपने बेहतरीन प्रबंधन और व्यवस्थित परिचालन के लिए जाने जाता है। वर्ष 1986 का महाकुंभ संपन्न होने के बाद जन चेतना के सामूहिक संकल्प के साथ हरिद्वार के पत्रकारों ने उसी वर्ष दिसंबर में भारतीय संवाद परिषद के रूप में एक ऐसे मंच की स्थापना की गई थी, जो आगे चलकर उत्तराखंड के प्रवेश द्वार हरिद्वार जनपद के पत्रकारों की अग्रणी संस्था प्रेस क्लब हरिद्वार में परिवर्तित हुआ।

इस मौके पर मुख्य अतिथि एनयूजे आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी और जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी और सपे संग्रहालय भोपाल के संस्थापक विजय दत्त श्रीधर जी को प्रेस क्लब के पदाधिकारियों एवं पत्रकारों ने शॉल ओढ़ाकर, स्मृति चिन्ह, रुद्राक्ष की माला और गंगा जल भेंटकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक, वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. विशाल गर्ग, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा संदीप गोयल, वरिष्ठ पत्रकार सुनील दत्त पांडे, डॉ. राधिका नागरथ, रतन मणि डोभाल, विकास झा, श्रवण झा, रामचंद्र कन्नौजिया, पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष अमित शर्मा, शिवा अग्रवाल, डॉ. शिव शंकर जायसवाल, आदेश त्यागी, डॉ. चौधरी शुक्ला, गोपाल रावत, संजय आर्य, डॉ. सुशील उपाध्याय, बालकृष्ण शास्त्री, डॉ. योगेश योगी, डॉ. परविंदर कुमार, संजीव शर्मा, संदीप शर्मा, रामेश्वर गौड़, तनवीर अली, नरेश दीवान शैली, लव शर्मा, शिवांग अग्रवाल, भूपेंद्र कुमार, प्रकाश चंद जोशी, प्रदीप गर्ग, मयूर सैनी, अश्वनी अरोड़ा, संजय रावल, कुमकुम शर्मा, सुभाष कपिल, बृजेंद्र हर्ष, राव रियासत पुंडीर, एमएस नवाज, वैभव भाटिया, अमन गर्ग आदि मौजूद रहे।

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