कोरोना संक्रमित शिक्षक की मौत के दो दिन बाद तक परिजनों को नहीं दी जानकारी

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पौड़ी। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के गांव खैरासैंण निवासी और मुख्यालय पौड़ी के विद्या मंदिर तिमली में सेवारत कोरोना संक्रमित एक शिक्षक की मौत हो गई है। वे संक्रमित होने के बाद से विद्यालय परिसर में ही आइसोलेट थे। 27 अप्रैल को स्वास्थ्य बिगड़ने पर उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां से उन्हें मेडिकल कालेज श्रीनगर रेफर किया गया, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही शिक्षक ने दमतोड़ दिया था।जिला मुख्यालय पौड़ी से कुछ दूर स्थित विद्या मंदिर तिमली में सेवारत एक शिक्षक का विगत 21 अप्रैल को कोरोना टेस्ट लिया गया। जिसकी रिपोर्ट 25 अप्रैल को पॉजीटिव आई। उसके बाद से वे विद्यालय परिसर में ही आइसोलेट हो गए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शिक्षक को कोविड किट प्रदान किया। डॉ. पंकज जुयाल ने बताया कि संक्रमित शिक्षक की विगत 27 अप्रैल को शाम करीब 8 बजे तबियत बिगड़ने लगी। जिसके बाद उन्हें स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिला अस्पताल पौड़ी में भर्ती कराया। जहां से शिक्षक को मेडिकल कालेज श्रीनगर के लिए रेफर किया गया। डॉ. जुयाल ने बताया कि मेडिकल कालेज पहुंचने पर डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं शिक्षक की पत्नी ने बताया कि उन्हें स्वास्थ्य विभाग ने दो दिन तक पति की कोई जानकारी नहीं दी। कहा कि 27 अप्रैल की रात उन्हें उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ले गई, लेकिन उनकी मृत्यु की जानकारी मुझे 29 अप्रैल की दोपहर को रिश्तेदार के माध्यम से मिली। जबकि विभाग की ओर से मुझे अंधेरे में रखा गया। वहीं एसडीएम श्रीनगर रविंद्र बिष्ट ने बताया कि संक्रमित की अंत्येष्टि करने में परिवार की असमर्थतता पर प्रशासन करेगा।

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