जय हिंद ट्रैफिक वाले बड़े साहबः शहर में चालान का झमेला, खुलेआम शराब तस्करी करने वाली स्कूटियों का चेक नहीं होता थैला, यह हुई हैं वीडियो वायरल

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चंडीघाट से होकर गुजरती है अवैध शराब से लदी स्कूटियां, कई बार वीडियो वायरल होने के बाद भी नहीं होता कोई एक्शन
-चंडीघाट चौक पर हर समय तैनात रहती है ट्रैफिक पुलिस

हरिद्वार। यातायात पुलिस भले ही शहर में वाहनों की चैकिंग में व्यस्त रहती है, लेकिन इन सबके बीच श्यामपुर से प्रतिबंधित क्षेत्र में स्कूटियों से होने वाली अवैध शराब तस्करी पर किसी पुलिसकर्मी की नजर नहीं पड़ती है। कुछ माह पूर्व ट्रैफिक पुलिस के एक दरोगा ने अवैध शराब से लदी स्कूटी को सीज कर ईमानदारी का परिचय दिया था। सोशल मीडिया पर कई बार अवैध शराब की तस्करी का वीडियो वायरल होने के बाद भी टै्रफिक पुलिस अन्य वाहनों के चालानों में व्यस्त रहती है। ट्रैफिक वाले बड़े साहब भी इस ओर कोई कार्रवाई करने के लिए अधीनस्थों को निर्देशित नहीं करते हैं, जिससे एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल की स्वच्छ छवि खराब हो रही है।

कहां से होती है अवैध शराब की तस्करी
श्यामपुर क्षेत्र से काफी लंबे समय से थैलों में भरकर अवैध शराब की स्कूटियों पर तस्करी होती है। रोजाना लगभग 7 से 8 स्कूटियां चंडीघाट चौक से होकर गुजरती है। यह स्कूटिया प्रतिबंधित क्षेत्रों में अवैध शराब की सप्लाई करती हैं, लेकिन रास्ते में कई पुलिस चौकियां और ट्रैफिक पुलिस खड़े होने के बावजूद बैखोफ होकर स्कूटियों पर अवैध शराब की तस्करी होती है।

सोशल मीडिया पर कई बार वायरल हुई शराब तस्करी की वीडियो
हरिद्वार में अवैध शराब की तस्करी की वीडियो कई बार सोशल मीडिया पर वायरल हुई, लेकिन तस्करी के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है। हाल ही कुछ रोज पूर्व हरकी पैड़ी से सटे मोतीबाजार में लोगों ने शराब से लदी स्कूटी को रोका था, जिसमें काफी मात्रा में अवैध शराब भी मिली थी, जिसका वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ था, लेकिन कार्रवाई के नाम पर पुलिस कुछ भी नहीं किया।

ऐसे पुलिसकर्मियों की वजह से होती है पुलिस कप्तान की किरकिरी
खुलेआम अवैध शराब की तस्करी पर रोक लगाने को लेकर पुलिसकर्मियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। ट्रैफिक पुलिस रोजाना भले ही चंडीचौक में तैनात रहकर कई वाहन चालकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की जाती है, लेकिन अवैध शराब लदी स्कूटियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई टै्रफिक पुलिस की ओर से नहीं की जाती है। टै्रफिक पुलिस के बड़े साहब भी इस ओर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं, जिससे पुलिस कप्तान की किरकिरी होती है।     

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