पढ़िये, पत्रकार उमेश कुमार: मेरी खानपुर की जनता के नाम खुला पत्र
मेरे ख़ानपुर के भाइयों ,बहनो ,माताओं बुजुर्गों ये पूरा पत्र जरूर पढ़ना। इसको पढ़ने का बाद ही फैसला लेना। जब से पत्रकार उमेश कुमार ने ख़ानपुर की सरजमीं पर कदम रखा है तब से जनता में एक अजब का जोश है। विरोधियों की रातों की नींद हराम औऱ उड़ गए होश हैं। ख़ानपुर की जनता को एक बात अच्छी तरह समझ आ गई है कि उनके बीच एक ऐसा व्यक्ति उमेश कुमार के रूप में आया है जो वर्षों से गरीब और असहायों की ही निस्वार्थ भाव से सेवा करता आया है।
शायद जिनको जानकारी न हों उनको बता दें कि उमेश कुमार आज भी दर्जनों अनाथ बच्चो की शिक्षा दिक्षा औऱ खाने पीने का खर्चा उठाते हैं। जहाँ गरीबो के मकान नही बने वहां खुद के खर्चे में बनवाये , जहाँ कोई गरीब बीमार हुआ उसके पूरे खर्चे उठाये । भाई उमेश कुमार जैसा सरल ,सज्जन औऱ नेक दिल इन्शान कोई नही । जो अभी तक न मिले हों वो एक बार मिल लें और खुद जान लें । सबसे खास बात आपको ये भी बता दें कि जब कोई नेता बनता है तो सबसे पहले अपना घर भरने की कोशिश करता है , खुद के लिए गाड़ी ,बंगले की व्यवस्था करता है , लाव लश्कर जुटाता है। पर गौर कीजिए भाई उमेश कुमार के पास ऊपर वाले ने सबकुछ दिया है। उनके पास वो सबकुछ पहले से ही मौजूद है जो इन्शान नेता बनने के बाद जुटाता है।
उन्हें जनता की सेवा करनी है । आप लोगो से उन्हें बस प्यार औऱ आश्रीवाद चाहिए। आप लोग खुद तय कीजिये कि आपको किसके पक्ष में खड़ा होना है ? जातिवाद , भाई भतीजावाद छोड़कर विकासवाद को चुनिए। नेता नही बल्कि एक बेटा चुनिए। ये बात सच है कि उमेश कुमार के पास जो भी आया है वो कभी निराश होकर नही लौटा है। ख़ानपुर की तकदीर औऱ तस्वीर बदलने का बदलने का फैसला आप लोगो के हाथ मे है। आइये एक सुनहरे भविष्य की ओर बढ़ें औऱ भाई उमेश कुमार के कंधे से कंधा मिलाकर ख़ानपुर के विकास में सहयोग करें।
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