Kotdwar viral News स्पीड कम, कार्रवाई हुई तेज, ट्रेन की टक्कर से हाथी की मौत के मामले में दो सदस्यीय चालक दल के खिलाफ मुकदमा दर्ज, पहले ज्यादा, अब कम हुई स्पीड

ख़बर शेयर करें -

कोटद्वार। सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन की टक्कर से हाथी की मौत होने के मामले में ट्रेन के दो सदस्यीय चालक दल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं, रेलवे ने भी घटना की विभागीय जांच शुरू कर दी है।सोमवार अपराह्न 3:35 बजे कोटद्वार से दिल्ली के लिए रवाना हुई श्री सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन कोटद्वार सीमा से महज डेढ़ किमी के फासले पर रेलवे के किलोमीटर संख्या 20-21 के बीच पहुंची थी। तब रेल ट्रैक को क्रॉस करने के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से हाथी की मौत हो गई थी। घटना को गंभीरता से लेते हुए डीआरएम राजकुमार ने कोटद्वार पहुंचकर घटना से जुड़े विभिन्न बिंदुओं के संबंध में जानकारी की थी। उन्होंने वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाने के अंतर्गत कॉशन क्षेत्र एवं ट्रेन की गति पर मंथन किया था।

रेलवे अधिकारी किसी निष्कर्ष पर पहुंचते इससे पहले ही बिजनौर वन प्रभाग नजीबाबाद की कौड़िया वन रेंज के क्षेत्राधिकारी सचिन शर्मा की ओर से वन अधिनियम के तहत जितेंद्र कुमार समेत चालक दल के दो सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

वहीं, रेलवे के अधिकारियों ने भी घटना की जांच शुरू कर दी है। यातायात निरीक्षक पीके सिंह ने बताया कि जिस स्थान पर घटना घटी है, वहां शाम छह से सुबह छह बजे तक के लिए 35 किमी प्रतिघंटा की ट्रेन की गति निर्धारित है। कॉशन रहित क्षेत्रों में 50 किमी प्रति घंटे की गति निर्धारित है। घटना के समय श्री सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस की गति 45-46 किमी प्रतिघंटा रही थी।

Kotdwar viral news
80 से घटाकर 50 की जा चुकी है ट्रेन की गति
गत वर्षों में रेल ट्रैक सृदृढ़ीकरण और विद्युतीकरण के बाद ट्रेन की 80 किमी. प्रतिघंटा कर दी गई थी। आनंद विहार टर्मिनल एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आकर दो हाथियों की मौत होने के बाद वन विभाग के अफसरों ने रेलवे अफसरों से पत्राचार किया, तो ट्रेन की गति 80 से घटाकर 50 किमी. प्रतिघंटा कर दी गई थी। वहीं, हाथियों के रेल ट्रैक को क्रॉस करने वाले क्षेत्रों में कॉशन लगाते हुए ट्रेनों की गति 35 किमी. प्रतिघंटा तक सीमित किया जा चुका है।

बिजनौर वन प्रभाग नजीबाबाद डीएफओ अभिनव राज के मुताबिक पूर्व में हुई मीटिंग के बाद रेलवे ने ट्रेनों की गति कम तो की, फिर भी हादसे होना चिंता का कारण हैं। इसके स्थायी समाधान के लिए रेलवे अधिकारियों के साथ पुन: बैठक कर बेहतर तालमेल बनाने का प्रयास किया जाएगा।

You cannot copy content of this page