खनन माफियाओं ने मालन नदी से खनन सामग्री निकाल बना दिया था गड्ढ़ा, अब जलसंस्थान कोटद्वार का ट्रीटमेंट प्लांट बना दिया अड्डा  

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जलसंस्थान कोटद्वार के ट्रीटमेंट प्लांट से भरकर दौड़ रही हैं ट्रैक्टर ट्रालियां, फोटो होने लगे वायरल
-कण्वाश्रम वन चौकी से महज 20 मीटर की दूरी पर है जलसंस्थान का ट्रीटमेंट प्लांट
-मालन नदी से खच्चरों में भरकर लाई जा रही अवैध खनन सामग्री को कर रहे स्टॉक, वन विभाग और जलसंस्थान बेखबर
कोटद्वार।
पिछली बरसातों में मालन नदी का पुल टूट जाने के बाद से कोटद्वार-भाबर क्षेत्र में प्रशासन ने अवैध खनन पर सख्ती बरती हुई थी, लेकिन मामला ठंडा होते ही एक बार फिर से भाबर क्षेत्र के खनन माफिया सक्रिय हो गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक अब कण्वाश्रम की वन चौकी से महज 20 मीटर की दूरी पर जलसंस्थान के ट्रीटमेंट प्लांट को फर्जी स्टॉक बनाकर खच्चरों के माध्यम से अवैध खनन सामग्री एकत्रित की जा रही है। जहां से ट्रैक्टर ट्रालियों के माध्यम से यह क्षेत्र के लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। इस मामले में लैंसडौन वन प्रभाग और जलसंस्थान के अधिकारियों ने मामला संज्ञान में न होने की बात कही है। हालांकि ट्रैक्टर ट्राली के भरे जाने के फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।

भाबर क्षेत्र की मालन नदी में स्थित मालन पुल के बड़ा हिस्सा बरसातों में पिल्लर कमजोर होने के चलते नदी में ही गिर गया था। पुल का पिल्लर खनन के चलते कमजोर होने के बाद टूटा था। पुल टूटने के बाद से अब तक वाहनों के आवाजाही पुल के नीचे से होती है। पुल टूटने के बाद से कोटद्वार-भाबर क्षेत्र में प्रशासन ने अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई कर अवैध खनन को पूर्ण रूप से बंद करवाया दिया था, लेकिन अब मामला ठंडा होने के बाद एक बार फिर से अवैध खनन माफिया सक्रिय हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक भाबर क्षेत्र के कण्वाश्रम में कोटद्वार जलसंस्थान के ट्रीटमेंट प्लांट को फर्जी स्टॉक बनाकर खच्चरों के माध्यम से अवैध खनन सामग्री एकत्रित की जा रही है, जो कि डिमांड के हिसाब से सभी स्थानों पर पहुंचाई जा रही है। इस संबंध में जलसंस्थान कोटद्वार के अधिशासी अभियंता अभिषेक वर्मा ने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, वह कल स्वयं जलसंस्थान ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा करेंगे। यदि कोई ऐसा मामला पाया गया तो दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लैंसडौन वन प्रभाग के रेंजर बीसी जोशी ने बताया कि इस तरह का कोई मामला संज्ञान में नहीं आया गया है।  

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