पौड़ी गढ़वाल में पागल कुत्ते के काटने के बाद एक की मौत
कोटद्वार। बीरोंखाल ब्लाक के अंतर्गत ग्रामसभा बवांसा में पागल कुत्ते के काटने से एक व्यक्ति ने दो माह बाद दम तोड़ दिया। इस घटना से गांव में दहशत का माहौल है। घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। बृहस्पतिवार को मृतक के संपर्क में आए 22 ग्रामीणों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीरोंखाल पहुंचकर टीकाकरण कराया। मृतक के परिजनों की सूची भी तैयार की जा रही है। उन्हें शुक्रवार को टीके लगेंगे।
गत 24 अप्रैल को ग्रामसभा बवांसा में पागल कुत्ते ने 5 ग्रामीणों को काटा था, जिसमें दिलवर सिंह (50) पुत्र गोविंद सिंह भी शामिल थे। तब पागल कुत्ते के आतंक को देखते हुए लोगों ने उसे मौत के घाट उतार दिया था। दिलवर सिंह को छोड़कर कुत्ते के काटे अन्य चार लोगों ने बीरोंखाल अस्पताल में एंटी रेबीज के टीके लगा लिए थे। दिलवर सिंह का कहना था कि पागल कुत्ता उनपर भी झपटा था, जिससे वह कुत्ते के ही साथ नीचे खेत में जा गिरे थे। इस दौरान उनका एक हाथ टूट गया था और चोट भी आई थी, लेकिन उनके शरीर पर कुत्ते के काटने के स्पष्ट निशान नहीं थे। इस पर उनकी ओर से लापरवाही बरती गई और उन्होंने टीका नहीं लगाया। गांव के सामाजिक कार्यकर्ता रामपाल चातुरी का कहना है कि कुछ दिन पहले से अचानक दिलवर सिंह के व्यवहार में परिवर्तन आने लगा। पानी को देखकर वह डरने लगे। परिजन उन्हें हल्द्वानी अस्पताल ले गए। वहां के चिकित्सकों ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें दिल्ली रेफर कर दिया। परिजन उन्हें दिल्ली स्थित स्पेशल अस्पताल ले गए, जहां रेबीज संक्रमित व्यक्तियों का इलाज होता है। वहां के चिकित्सकों ने परिजनों को बताया कि रेबीज उनके पूरे शरीर में फैल चुका है। चिकित्सकों ने परिजनों को उन्हें घर ले जाने की सलाह दी। परिजन उन्हें लेकर बुधवार दोपहर गांव पहुंचे और देर शाम उनकी मौत हो गई। सामाजिक कार्यकर्ता यशवंत सिंह का कहना है कि बीरोंखाल में कई जगह पागल कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ी हैं। गांव में ग्रामीण कुत्ता तो पाल लेते हैं, लेकिन उनका टीकाकरण नहीं कराते हैं। उन्होंने पशुपालन विभाग व प्रशासन से ऐसे मामलों में कार्रवाई की मांग की है।
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