गर्भवती महिला प्रकरण: डॉक्टर पर एक तरफा कार्रवाई से असंतुष्ट चिकित्सा संघ, पुनः जांच की मांग, देखिए वीडियो

–महिला अस्पताल में हुई प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ की प्रेस वार्ता
हरिद्वार। गर्भवती महिला प्रकरण: महिला अस्पताल में हुए गर्भवती महिला का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। महिला डॉक्टर पर एक तरफा हुई कार्रवाई के बाद असंतुष्ट दिखे प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने पूरे मामले की पुन: निष्पक्ष जांच करने की मांग उठाई है।
महिला अस्पताल सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के प्रदेश महासचिव डॉ. रमेश कुंवर ने कहा कि गर्भवती महिला प्रकरण में महिला डॉक्टर डॉ. सोनाली पंथी पर एक तरफा कार्रवाई हुई है, जो कि पूर्ण रूप से गलत है। इस मामले में दोबारा पूरी जांच होनी चाहिए। कहा कि इस मामले का सोशल मीडिया पर गलत प्रचार किया गया है, जिससे अस्पताल की छवि खराब हुई है। कहा कि महिला अस्पताल में अक्सर डिलीवरी के लिए आने वाली महिलाओं के बेड भरे रहते हैं, जिससे अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस पूरे प्रकरण का सोशल मीडिया पर गलत प्रचार किया गया है। मामले में यह असत्य कहा जा रहा है कि डिलीवरी फर्श पर हुई है, जबकि पीड़ित महिला की डिलीवरी बेड पर हुई है।
पत्रकार वार्ता में हरिद्वार संघ के संरक्षक डॉ. राजेश गुप्ता ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल की गई वीडियो लगभग 12.30 बजे की है और 1.30 बजे महिला की डिलीवरी हो चुकी थी। कहा कि जब पीड़ित गर्भवती महिला यहां उपचार के लिए पहुंची तो उन्हें चिकित्सक ने इंजेक्शन दिया गया। इस दौरान आशा वर्कर भी पीड़ित महिला के साथ होती हैं। कहा कि महिला की हालत बिगड़ने के दौरान आशा वर्कर ने आपसी द्वेष के चलते डॉक्टर को सूचना देने के बजाय उसका वीडियो बनाना शुरू कर दिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिसके चलते यह पूरा प्रकरण हुआ है। इस पूरे मामले में दोषी ठहराई गई डॉक्टर के खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है, जो कि पूर्ण गलत है। उन्होंने पूरे मामले की दोबारा निष्पक्ष जांच करने की मांग उठाई है।
पत्रकार वार्ता के दौरान डॉ. सुब्रत अरोड़ा, डॉ. प्रशांत, डॉ. शादाब सिद्दीकी शामिल रहे।

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