पौड़ी जिले में डॉक्टर की कार्यशैली पर उठे सवाल, भेज दिया बीरोंखाल

ख़बर शेयर करें -

कोटद्वार। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाबौ की व्यवस्थाओं में भारी कमी और अनुशासनहीनता के कारण समस्याएं बनी हुई हैं। अब डॉक्टर की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। एक चिकित्सक के उपचार के दौरान एक मरीज को छोड़कर चले जाने की घटना ने और गंभीर बना दिया है।

तीन जनवरी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाबौ में एक मरीज को उपचार के लिए लाया गया था, परिजनों का आरोप था कि डॉक्टर मरीज को उपचार के दौरान ही छोड़कर चले गए, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

अनुशासनहीनता के आरोपों के चलते डॉ. गौतम कुमार को सात जनवरी को बीरोंखाल स्थानांतरित किया गया है।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाबौ में कुल 29 पद स्वीकृत हैं, लेकिन सिर्फ 14 पदों पर कार्मिक कार्यरत हैं। वर्तमान में दो डॉक्टर, एक डेंटिस्ट और दो स्टाफ नर्स ही स्वास्थ्य सेवाएं संभाल रहे हैं। इस कारण स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पटरी से उतरती भी दिखाई पड़ रही हैं।

यह केंद्र बीते वर्ष महंत इंद्रेश अस्पताल के माध्यम से पीपीपी मोड पर संचालित होता था, लेकिन व्यवस्थाओं पर सवाल उठने के बाद सरकार ने इसे अपने नियंत्रण में लिया। उम्मीद की जा रही थी कि सरकारी हाथों में जाने के बाद केंद्र में व्यवस्थाएं पटरी में आएंगी। मगर इसके विपरीत व्यवस्थाएं और बदहाल हो जा रही हैं। व्यवस्थाएं बेहतर करने के दावे के बावजूद यह रेफर केंद्र बनता जा रहा है।

अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए डॉ. गौतम कुमार को बीरोंखाल भेज दिया गया है। डॉक्टरों को केंद्र में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वर्तमान में अन्य केंद्रों से डॉक्टरों को अस्थायी तौर पर यहां तैनात किया गया है। जिससे उपचार के लिए केंद्र में पहुंचने वाले मरीजों को बैरंग न लौटना पड़े।

एसीएमओ पौड़ी डॉ. रमेश कुंवर के मुताबिक वर्तमान में निकाय चुनाव के कारण आदर्श आचार संहिता लगी है। 26 जनवरी को आदर्श आचार संहिता हटने के बाद जिला अस्पताल सहित पाबौ स्वास्थ्य केंद्र में पूरे स्टाफ और डॉक्टर की नियुक्ति कर दी जाएगी।

You cannot copy content of this page