रघुवंशी हत्याकांड: अब विनोद गर्ग ने विवेचक तत्कालीन कोतवाल मनोज रतूड़ी पर लगाए आरोप, शासन से उठाई कार्रवाई की मांग

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विनोद लाला के नाम पर बिना जांच के ही विनोद गर्ग को किया था गिरफ्तार

रघुवंशी हत्याकांड में चार विवेचक नही जुटा पाए थे कोई साक्ष्य

विनोद गर्ग के दोषमुक्त होने के बाद सुशील रघुवंशी की पत्नी रेखा रघुवंशी ने हाईकोर्ट में दायर की थी अपील

साक्ष्य के अभाव में पत्नी की अपील कोर्ट ने दायर करने से किया इनकार

कोटद्वार। पौड़ी जनपद के कोटद्वार शहर में हुए बहुचर्चित सुशील रघुवंशी हत्याकांड में अब नया मोड़ आ गया है। अब हत्याकांड में शामिल किए गए गोविंद नगर निवासी विनोद कुमार गर्ग ने कोटद्वार के तत्कालीन कोतवाल मनोज रतूड़ी पर आरोप लगाते हुए शासन से कार्रवाई की मांग की है।
गोविंद नगर निवासी विनोद कुमार गर्ग ने बताया कि 13 सितंबर वर्ष 2017 को एडवोकेट सुशील कुमार रघुवंशी की अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी। जिसके बाद एडवोकेट सुशील रघुवंशी के परिजनों ने पांच लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कराया था। विनोद गर्ग ने बताया कि कोटद्वार के तत्कालीन कोतवाल मनोज रतूड़ी ने विनोद लाला के बजाय विनोद गर्ग को बिना जांच के ही गिरफ्तार कर लिया। गर्ग ने बताया कि उक्त रघुवंशी हत्याकांड में पांच विवेचक बदले गए, चारों विवेचकों को उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नही मिले। इसके बाद 19 अप्रैल वर्ष 2019 को कोतवाल मनोज रतूड़ी ने कोटद्वार कोतवाली में प्रभारी निरीक्षक का कार्यभार ग्रहण किया। चार्ज लेने के मात्र 20 दिन बाद ही रघुवंशी हत्याकांड का खुलासा करते हुए 12 जुलाई 2019 को उन्हें जिला कारागार पौड़ी भेज दिया गया। विनोद गर्ग ने बताया कि वह लगभग 14 माह तक पौड़ी जेल में बंद रहे। गर्ग ने बताया कि विवेचक मनोज रतूड़ी न्यायालय में मेरे और एडवोकेट सुशील रघुवंशी के बीच कोई संबंध होने के साक्ष्य पेश नहीं कर पाया। विनोद गर्ग ने बताया कि इस पूरे मामले में विवेचक मनोज रतूड़ी का कहना था कि एडवोकेट सुशील रघुवंशी विनोद गर्ग को ब्लैकमेल करता था, जिसके कारण विनोद गर्ग ने सुशील रघुवंशी की हत्या करा दी थी, लेकिन ब्लैकमेल संबंधी कोई भी प्रमाण तत्कालीन कोतवाल मनोज रतूड़ी न्यायालय में पेश नहीं कर पाए। इस पूरे मामले में 31 मार्च वर्ष 2023 को अपर सत्र न्यायाधीश कोटद्वार ने विचारण के बाद उन्हें दोष मुक्त कर दिया। विनोद कुमार गर्ग ने बताया कि न्यायालय से दोषमुक्त होने के बाद मृतक एडवोकेट सुशील रघुवंशी की पत्नी ने हाईकोर्ट में अपील की गई, लेकिन कोई आधार न मिलने पर कोर्ट ने उनकी अपील दायर करने से इनकार कर दिया। विनोद गर्ग ने बताया कि विवेचक मनोज रतूड़ी वास्तविक अपराधियों को बचाने के लिए मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज करा दिया गया। उन्होंने शासन से उक्त पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर विवेचक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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