रुस्तम-ए-हिन्द दारा सिंह की 9 वीं पुण्यतिथि पर शत-शत नमन
कोटद्वार। 6 फिट 2 इंच ऊंचा कद, वजन 130 किलोग्राम, 500 से ज्यादा कुश्तियां लड़ी और एक भी नही हारे, सिनेमा जगत में भी बड़े बड़े अभिनेताओं को पछाड़ नए कीर्तिमान स्थापित किए।
वर्ष 1948 अंतररास्ट्रीय स्टार पर पेशेवर कुस्तियाँ खेलना शुरू किया और जून 1983 में कुश्ती से सन्यास ले लिया। उनकी सबसे यादगार कुश्ती 12 दिसम्बर 1956 को खेली गई थी जिसमे उन्होंने 200 किलो के किंगकोंग को अपने दोनों हाथों से उठा कर तान दिया था ।
1953 में उन्होंने प्रोफेशनल इंडियन रेसलिंग चैंपियनशिप जीती, 1959 में कनाडा के ” जॉर्ज गोड़ीअंको ” को हरा कर उन्होंने कमेन्वेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप जीती, 1966 में रुस्तम-ए-पंजाब बने, 1968 में अमेरिका के ” लॉ ठेस्ज़ ” को हरा कर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियन शिप जीती और 1978 में रुस्तम-ए-हिन्द बने।
1954 में फ़िल्म ‘ पहली झलक ‘ से उन्होंने सिनेमा की दुनिया मे कदम रखा और एक के बाद एक कई हिट फिल्में देश को दीं, 1964 में उन्हें फ़िल्म ‘ जग्गा ‘ के लिए बेस्ट एक्टर का भी अवार्ड प्राप्त हुआ, रामायण जैसी अमर चित्र कला में भी उन्होंने भगवान बजरंगबली का अभिनय कर सबका दिल जीत लिया था । दारा सिंह एक महान पहलवान के साथ साथ एक महान अभिनेता भी थे अपनी अदाकारी से उन्होंने पूरे देश को अपना दीवाना बना दिया था उन्हें भारत का हरक्यूलस भी कहा जाता था ।भारत की शान बढ़ाने वाले इस जाट वीर को विनम्र श्रद्धांजलि!!
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