आपदा के लिए चौकस रहें कोटद्वार, नदियों और गदेरों से आ सकती है आपदा

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कोटद्वार। मानसून में आपदा के खतरे को देखते हुए कोटद्वार क्षेत्र में बह रही नदियों और गदेरों के उफान से होने वाले नुकसान और आपदा को लेकर सभी विभागों को चौकस रहने के निर्देश एसडीएम कोटद्वार ने दिए है।
बुधवार को तहसील सभागार में आयोजित बैठक में एसडीएम प्रमोद कुमार ने सिंचाई विभाग से शहर के बीचों बीच बहने वाले पनियाली और गिवईंस्रोत गदेरे की जानकारी मांगी। उन्होंने गदेरे के डेंजर जोन को चिह्नित कर वहां पर बरसाती पानी के उफान पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। सिंचाई विभाग के पास जलस्तर नापने का यंत्र नहीं होने पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि कोटद्वार में खोह नदी, सुखरो नदी, मालन नदी, पनियाली गदेरा और गिवईं स्रोत बरसात में उफान पर रहते हैं। जब तक जलस्तर को नापने का यंत्र नहीं होगा, तब तक कैसे लोगों को खतरे से अलर्ट करेंगे। उन्होंने विभाग को जलस्तर नापने के यंत्र की खरीदारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने सड़कों को बरसात में खुला रखने के लिए जेसीबी तैनात करने के निर्देश दिए। साथ ही पूर्ति विभाग को पर्वतीय क्षेत्रों में सितंबर माह तक का राशन एडवांस में भेजने, एसडीआरएफ की टीम को अपने आपदा प्रबंधन के उपकरणों के साथ चौकस रहने के निर्देश दिए। बैठक में तहसीलदार विकास अवस्थी, आरके कमल किशोर शर्मा समेत सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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