बैसाखियों पर खड़ा जिला अस्पताल, कांवड़ मेला आने को तैयार, सर्जन की नहीं हुई तैनाती, ब्लड बैंक में स्टॉफ की कमी चलते नहीं चल पाएगी एफेरेसिस मशीन

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हड्डी रोग, बाल रोग, नेत्र रोग और ईएनटी विशेषज्ञों के भरोसे जिले का सबसे बड़ा अस्पताल


-जिला अस्पताल के ब्लड़ बैंक से स्टॉफ का हुआ तबादला, डेंगू की एफेरेसिस मशीन चलाने की नहीं ली ट्रेनिंग


-कांवड़ मेला शुरू होने को है और डॉक्टरों और स्टॉफ की कमी से जूझ रहा जिला अस्पताल


हरिद्वार। कांवड़ मेले शुरू होने को कुछ ही दिन बाकी हैं। अधिकारियों की तैयारियां जोरों-शोरों पर है, लेकिन जिले का सबसे बड़ा अस्पताल कहे जाने वाला जिला अस्पताल विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के चलते बैसाखियों पर खड़ा है। उधर, जिला अस्पताल के ब्लड़ बैंक से कर्मचारियों का तबादला होने के बाद डेंगू के लिए वरदान कही जाने वाली एफेरेसिस मशीन भी नहीं चल पाएगी।

जिला अस्पताल के हाल
जिला अस्पताल में हड्डी रोग, बाल रोग, नेत्र रोग और ईएनटी विशेषज्ञों के अलावा फिजिशियन और सर्जन नहीं हैं। कांवड़ मेले के दौरान हर वर्ष करोड़ों कांवड़िये यहां धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचते हैं। यदि इस दौरान कोई भी अप्रिय घटना होती है, तो बैसाखियों पर खड़ा जिला अस्पताल रैफर करने के बजाय मरीज को कोई सुविधा नहीं दे पाएगा। कांवड़ मेले की तैयारियों को लेकर हरिद्वार में कई महत्वपूर्ण बैठके आयोजित हो गई हैं, स्वास्थ्य विभाग की ओर किसी का ध्यान नहीं गया। लंबे समय से अस्पताल में सर्जन और फिजिशियन की कमी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग नियमित रूप से सर्जन को तैनाती नहीं दे पा रहा है।

जिला अस्पताल के ब्लड बैंक के हाल
पीएमएस डॉ. आरवी ने बताया कि शासन की ओर से जिला अस्पताल के ब्लड़ बैंक से दो कर्मचारियों का तबादला कर दिया गया है। जिसमें डेंगू की एफेरेसिस मशीन चलाने वाला कर्मचारी भी शामिल है। कांवड़ मेले के बाद जानलेवा बीमारी डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है, लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते डेंगू की एफेरेसिस मशीन चलाना असंभव है।

कांवड़ मेले के दौरान डॉक्टरों की कमी नए पीएमएस के लिए बनी चुनौती
जिला अस्पताल के नए पीएमएस डॉ. आरवी सिंह ने बताया कि फिजिशियन का कार्य देख रही डॉ. स्वाति वर्मा को केदारनाथ ड्यूटी पर भेजा गया है। हाल ही में अस्पताल में नए फिजिशियन की तैनाती हुई है और वह ज्वाइन करने के बाद सात दिन के अवकाश पर चले गए हैं। बताया कि कांवड़ मेले के दौरान सर्जन की कमी को पूरा करने के लिए उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया गया है, जल्द ही अस्पताल को नए सर्जन मिल सकते हैं। यदि कांवड़ मेले के दौरान सर्जन की नियुक्ति नहीं होती है, तो उनके लिए यह चुनौतीपूर्ण समय होगा।

डेंगू में एफेरेसिस मशीन का क्या होता उपयोग
एफेरेसिस मशीन एक ऐसी मशीन है, जो रक्त से प्लेटलेट्स को अलग करने के काम आती है, जो डेंगू के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण है। यदि किसी मरीज को प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है, तो एफेरेसिस मशीन का उपयोग करके डोनर के रक्त से प्लेटलेट्स को अलग किया जा सकता है और फिर मरीज को चढ़ाया जा सकता है, जिससे मरीजों को समय पर प्लेटलेट्स उपलब्ध हो सकते हैं।

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