कोटद्वार की सुखरो नदी के पट्टाधारक ने सरकार के राजस्व को लगा दिया लाखों का चूना, रवन्नों में भी कर दिया खेल, खान विभाग ने जारी किया नोटिस
–कोटद्वार में अवैध खनन पर प्रशासन की बड़ी कार्यवाही, संयुक्त निरीक्षण में लाखों की राजस्व हानि का खुलासा
खबर डोज, कोटद्वार। अवैध खनन गतिविधियों की शिकायतों के बाद प्रशासन, खनन विभाग, सिंचाई विभाग और वन विभाग की संयुक्त टीम ने 2 दिसंबर 2025 को विस्तृत निरीक्षण किया। टीम ने विभिन्न पट्टों और नदियों के किनारों पर जाकर खनन कार्यों की वास्तविक स्थिति की जांच की, जिसमें भारी अनियमितताएँ सामने आईं।

निरीक्षण के दौरान पता चला कि सुखरो नदी में संचालित खनन पट्टों में निर्धारित मानकों से अधिक खनन किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, पट्टाधारक लोकपाल सिंह रावत की ओर से स्वीकृत क्षेत्र से बाहर जाकर बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया गया, जिससे सरकारी राजस्व को भारी क्षति पहुँची। जांच दल ने पाया कि स्वीकृत सीमा से अधिक 1,53,800 टन उपखनिज उठाया गया, जबकि रिकॉर्ड में कम मात्रा दर्शाई गई थी।


खनन कार्यों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन मॉनिटरिंग सिस्टम (ETMS) में दर्ज आँकड़ों तथा वास्तविक खनन में भारी अंतर पाया गया। संयुक्त निरीक्षण दल ने यह भी पुष्टि की कि खदान से उठाई गई सामग्री के परिवहन में अनियमितताएँ थीं। कई वाहनों द्वारा निर्धारित क्षमता से अधिक खनिज ढोया जा रहा था, जबकि दस्तावेजों में इसे कम दर्शाया गया।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि 1 अक्टूबर से 1 नवंबर 2025 तक विभिन्न तिथियों में अवैध रूप से 84,240 टन सामग्री अतिरिक्त खनन की गई। इसकी बाजार दर के अनुसार मूल्यांकन करने पर लगभग 35,58,584 रुपये की अवैध खनन सामग्री पाई गई। संयुक्त टीम के अनुसार पट्टाधारक द्वारा वास्तविक उत्खनन छिपाकर बड़ी मात्रा में राजस्व की चोरी की गई है।
सबसे गंभीर अनियमितता पट्टा क्षेत्र के स्वीकृत सीमा से बाहर लगभग 150 मीटर लंबा, 30 मीटर चौड़ा और 10 मीटर गहरा अतिरिक्त खनन पाया गया। इस क्षेत्र से करीब 4,500 घनमीटर अर्थात 14,850 टन अतिरिक्त उपखनिज निकाला गया, जिससे लगभग 22,68,000 रुपये की अवैध कमाई का अनुमान लगाया गया है।
जांच टीम ने इन सभी अनियमितताओं को गंभीरता से लेते हुए मामले को उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट किया है। पट्टाधारक के विरुद्ध संबंधित नियमावली के अंतर्गत कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। विभाग ने स्पष्ट किया कि खनन नियमों का उल्लंघन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और राजस्व हानि की भरपाई के साथ कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
कोटद्वार क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने के लिए प्रशासन ने आगे भी सख्त निगरानी और लगातार निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।

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