नगर निगम व्यापारकर का निर्णय वापिस नही लेता तो होगा कोटद्वार बाजार बंद
हर्ष भाटिया, संवाददाता कोटद्वार। नगर निगम कोटद्वार की ओर से पूरे कोटद्वार क्षेत्र में व्यवसायिक कर के नाम से व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर अव्यवहारिक रूप से व्यापार कर लगाने का निर्णय लिया गया है। जिसका प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने पुरजोर विरोध किया है।
प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष विवेक अग्रवाल के नेतृत्व में आज सभी व्यापारी नेता नगर निगम कोटद्वार के आयुक्त से मिले। व्यापारी नेताओं की ओर से नगर निगम कोटद्वार के आयुक्त को दिए गए पत्र में कहा कि इस कर का निर्धारण व्यापारी प्रतिनिधियों की बिना सहमति से किया गया हैं। कोरोना काल से ही व्यापारियों की स्थिति दयनीय है। इस समय इस कर का कोई औचित्य नहीं है। व्यापारी वर्ग इसके अतिरिक्त अनेक करों का बोझ ढो रहा है। जिससे उसकी स्थिति खराब हैं। सुविधाओं के नाम पर नगर निगम की ओर से कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है। पार्किंग, सड़कों, आवारा पशु, सीवर और अन्य असुविधाओं से व्यापार की हानि हो रही हैं। नगर निगम गठन के समय 10 वर्ष तक कोई नया कर न लगाने का प्रावधान किया गया था। अन्य निगमों की ओर से भी इस प्रकार का कोई कर हरिद्वार, देहरादून, ऋषिकेश, रूड़की व हल्द्वानी में नहीं लगाया गया है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि व्यापारियों पर थोपे गये अव्यवहारिक व्यावसायिक कर को वापिस नही लिया गया तो व्यापारी वर्ग और व्यापारी संस्थायें सड़कों पर उतरकर आंदोलन को बाध्य होंगें। इस मौके पर जिला महामंत्री लाजपत राय भाटिया, मनोज अग्रवाल, सेवक मनुजा, अजय गुप्ता, दिनेश अग्रवाल, अनीत चावला उपस्थित रहे।
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