उत्तराखंड एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, नशे के सौदागरों के साथ दो पुलिसकर्मी गिरफ्तार
देहरादून: नशे के धंधेबाजों को पुलिस रेड की जानकारी मुहैय्या कराने के मामले में दो पुलिस कर्मियों का पर्दाफ़ाश हुआ है। पुलिस को पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में चौकाने वाली जानकारी हासिल हुई है। 4 शातिर नशे के सौदागरों के अलावा 2 पुलिस कर्मी भी गिरफ्तार किये गए हैं।
एस0टी0एफ को विगत कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि, जनपद हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में नशा तस्करों द्वारा संगठित रूप से मादक पदार्थो की बिक्री की जा रही है। इस सूचना पर एसटीएफ एवं एडीटीएफ की संयुक्त टीम का गठन कर गोपनीय एवं तकनीकी सर्विलांश के माध्यम से सूचना संकलन का कार्य किया जा रहा था। पुख्ता साक्ष्यों के मिलने के उपरान्त पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ जवाहर लाल के नेतृत्तव में टीमों का गठन कर अवैध मादक पदार्थो की तस्करी में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्व कार्यवाही करते हुए
राहिल पुत्र मुस्तफा निवासी कस्सावाल के ज्वालापुर के घर पर एक टीम द्वारा दबिश दी गई, जिसमें राहिल को उसके घर में उसे मादक पदार्थ की बिक्री करते हुए उसके पास से 189 ग्राम स्मैक (कीमत लगभग 8 लाख) बरामद की गई। साथ ही उसके द्वारा आज बेची गई स्मैक के एवज में प्राप्त की गई धनराषि रू0 9,700/- भी मौके से बरामद किये गये।
राहिल ने पूछ-ताछ के दौरान बताया कि, वह विगत कुछ सालों से सत्तार पुत्र असगर जो कि, उसका रिस्तेदार भी है, के कहने पर उसके साथ मिलकर पिछले कुछ वर्षों से अवैध रूप से मादक पदार्थो खरीदने एवं बेचने का कार्य करता है। वर्ष 2017 में दोनों एन0डी0पी0एस0 एक्ट के मुकदमें में गिरफ्तार हुए थे तथा उसके उपरान्त नशे के इस अवैध व्यापार को अन्य लागों के माध्यम से संचालित किया जा रहा था। राहिल से की गई पूछ-ताछ से यह भी ज्ञात हुआ कि, सत्तार को इस धन्धें में मदद करने के लिए कुछ पुलिस कर्मी फोन अथवा व्यक्तिगत रूप से पुलिस की गोपनीय जानकारी और रेड के सम्बन्ध में बता देते थे जिससे गैंग के लोग माल छुपा देते थे।
राहिल ने पूछ-ताछ के दौरान यह भी बताया कि हरिद्वार के थाना पथरी क्षेत्र में रहने वाले इरफान नाम के व्यक्ति से उसने 15 किलो स्मैक के लिए बात की थी, जिसका पैसा सत्तार द्वारा दिया जाना था और इस माल को छोटी-छोटी मात्रा में ज्वालापुर-हरिद्वार के विभिन्न क्षेत्रों में लड़कों के माध्यम से बेचा जाना था। टीम द्वारा की गई विस्तृत पूछ-ताछ के आधार पर एवं तकनीकी सर्विलांस से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर एसटीएफ द्वारा अन्य की आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु दविश दी गई।
गैग का सरगना सत्तार पुत्र असगर संगठित रूप से गैग का संचालन कर रहा था। एसटीएफ द्वारा कार्यवाही करते हुए सत्तार को रोहल्की थाना बहादराबाद से गिरफ्तार किया गया। जिससे विस्तृत पूछ-ताछ थाना ज्वालापुर में की गई। पूछताछ के दौरान सत्तार ने बताया कि इस गैग में गंगेष पत्नी स्व0 मोहन लाल यादव निवासी कस्सावान नाम की एक महिला जो पूर्व में उत्तरकाशी के नारकोटिक्स के एक अभियोग में 10 साल की सजायाफता है की, संलिप्ता है। जिसके द्वारा पुलिस कार्यवाही के सम्बन्ध में गैग को गोपनीय सूचना दी जाती है। जनपद पुलिस की किसी भी कार्यवाही के लिए हरिद्वार के थाना ज्वालापुर पर नियुक्त कान्सटेबिल अमजद के द्वारा थाने की रेड टीम के सम्बन्ध में समय-समय पर सूचना दी जाती थी, जिसमें माल व इस कार्य में लगे लोगो को बचने के लिए बता दिया जाता था। इसके अतिरिक्त हरिद्वार एडीटीएफ में नियुक्त कान्सटेबिल रईस राजा एडीटीएफ टास्क फोर्स की किसी भी जानकारी की सूचना समय-समय पर देता रहता था तथा विगत माह से अवैध मादक पदार्थो की तस्करों के विरूद्व की जा रही कार्यवाही के सम्बन्ध में सूचना व टीम मेम्बरों के नाम पूर्व से ही बता देता था जिससे इस अवैध धन्धे में संलिप्त लोग पकड़े न जा सके ।
सत्तार ज्वालापुर थाने का हिस्ट्रीशीटर है जिसके विरूद्व 38 मुकदमें दर्ज है, जिनमें दो बार इसके विरूद्व गैगेस्टर एक्ट भी लगाया गया है। इस धन्धे में उसका बेटा शाहरूख भी सामिल था, जिसे वर् 2019 में थाना रूड़की के मु0अ0सं0 787/19 धारा 8/22 एन0डी0पी0एस0 एक्ट में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें उसके पास से व्यवसायिक मात्रा में हजारों नशीले इन्जेक्शन बरामद हुए थे जिसके कारण विगत एक वर्ष से वह जेल में है।
गंगेश पत्नी स्व0 मोहन लाल के घर पर क्षेत्राधिकारी सदर व एसटीएफ/एडीटीएफ टीम द्वारा दविश दी गई जिसमें तलाशी के दौरान उक्त महिला के घर से 1.25 किलो चरस बरामद हुई। इस माल को उपरोक्त गैंग द्वारा फुटकर में बेचने के लिए उपलब्ध कराना था। पूछ-ताछ से महिला द्वारा पुलिस के विभिन्न कार्यालयों में अपने सम्पर्क सूत्रों से जानकारी लेकर गैग के लोगों को जानकारी दी जाती थी।
4) इरफान पुत्र जगशहीद निवासी एकड़ पथरी को राहिल से पूछ-ताछ से मिली जानकारी एवं तकनीकी सर्विलांस के आधार पर एसटीएफ की टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया। पूछ-ताछ के दौरान इरफान ने विभिन्न श्रोतो से स्मैक, चरस आदि को एकत्र कर राहिल को उपलब्ध कराये जाने की बात स्वीकार की गई साथ ही विगत दिनों 15 किलो स्मैक की डील होने के बारे में भी जानकारी दी गई जो आगे व्यवस्था करके दी जानी थी।
गिरफ्तार आरोपियों से पूछ-ताछ एवं तकनीकी सर्विलांस एवं नशे के अवैध कारोबार में संलिप्त व्यक्त्यिों के मोबाईल फोन के तकनीकी परीक्षण से सत्तार की पूर्ण रूप से संलिप्तता पाई गई, जो इस प्रकार के अपराध को ज्वालापुर एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में संचालित कर रहे थे। इसके अलावा थाना ज्वालापुर में नियुक्त कान्सटेबिल 523 ना0पु0 अमजद एवं हरिद्वार एडीटीएफ में नियुक्त कान्सटेबिल 278 ए0पी0 रईस राजा संरक्षण दे रहे थे।
राहिल एवं गंगेश के विरूद्व एनडीपीएस की धारा 8/22/27-ए/29 एनडीपीएस एक्ट के अन्तर्गत कार्यवाही एवं अन्य आरोपियों सत्तार, इरफान एवं दोनों पुलिस कर्मियों अमजद व रईस रजा के विरूद्व धारा 29 एन०डी०पी०एक्ट में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से पूछताछ जारी है।
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