क्या नए मुख्यमंत्री उत्तराखंड को देंगे नया पुलिस महानिदेशक, चर्चाएं तेज

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देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण के बाद से ही तबादलों के एक्शन मोड में है। सबसे पहले मुख्य सचिव जैसे पद को बदल कर उन्होंने ब्यूरोक्रेसी को हिला कर रख दिया तो वही आनंद वर्धन को अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री बना कर आईएएस लॉबी में हड़कंप पैदा कर दिया है। इधर अब चर्चाएं उठने लगी है कि क्या उत्तराखंड को नया पुलिस महानिदेशक भी मिलने जा रहा है?
असल में यह सब चर्चाएं ऐसे ही नहीं उठ रही हैं। आज ही मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पी विनय कुमार से भी संपर्क किया है और उनसे लंबी चर्चा की है। विनय कुमार 1990 बैच के आईपीएस है और अब तक अवकाश में गए हुए थे, लेकिन पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद अपने अवकाश से वापस लौट आए हैं। यूं तो आईपीएस पी विनय कुमार की अधिकांश सेवा केंद्र में गुजरी है, लेकिन 2 साल से उत्तराखंड के खुफिया तंत्र का कामकाज देख रहे हैं।
पी. विनय कुमार के मुख्यमंत्री से इस मुलाकात को कई प्रकार की कयास बाजी से जोड़कर देखा जा रहा है। पहले से ही नौकरशाही में तब्दीली के बाद संभावना जता रही थी कि ब्यूरोक्रेसी निपटाने के बाद मुख्यमंत्री पुलिस विभाग को छेड़ सकते हैं। ब्यूरोक्रेसी में उन्होंने सबसे पहली शुरुआत सबसे ऊंचे पद से की थी, लिहाजा माना जा रहा है कि उत्तराखंड के पुलिस मुखिया को बनाए रखना है या उनके स्थान पर उत्तराखंड को नया डीजीपी देना है। इस पर पुलिस विभाग के अंदर भी कानाफूसी शुरू हो गई है।
देखना यह है कि मुख्यमंत्री का अगला कदम क्या होता है। डीजीपी अशोक कुमार ने उत्तराखंड में ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ जो अभियान चलाया है वह अब तक उत्तराखंड के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है। जबकि कोरोना का हाल में मिशन हौसला सैकड़ों जरूरतमंदों के लिए एक बड़ी राहत भरा अभियान साबित हुआ है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने अपने कार्यकाल में उत्तराखंड पुलिस को एक नई दिशा दी है, ऐसे हालातों मे यदि विभागीय तबादले होते हैं तो इससे पुलिस की आगामी महत्वकांक्षी योजनाओं पर भी व्यापक असर पड़ सकता है। अब यह तो मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है कि क्या वह हरफनमौला वर्तमान डीजीपी अशोक कुमार को जारी रखेंगे या फिर कोई बड़ा झटका पुलिस विभाग को भी देने वाले हैं।

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