महिलाओं के सामने मर्यादा की सीमा लांघने वाले बड़बोले ड्रामेबाज को हरिद्वार पुलिस ने भेजा जेल

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कोतवाली में निर्वस्त्र होकर एसडीएम ऑफिस में भी ऐसा ही करने की गीदड़ भभकी भी काम न कर सकी, जाना पड़ा जेल

पुलिस पर दबाव बनाने के लिए निर्वस्त्र होने की फूहड़ चालाकी भी नहीं आई काम

अब इमोशनल कार्ड खेलते हुए बच्चों के माध्यम से किया जा रहा वीडियो वायरल

“महिलाओं के प्रति किसी को भी गलत करने की इजाजत नहीं, गलती की है तो जेल जाना ही होगा :: एसएसपी हरिद्वार”

हरिद्वार। जहां एक तरफ पूरे देश के हर वर्ग में महिलाओं को सम्मान एवं आदर दिए जाने की बात चल रही है एवं हर क्षेत्र में मातृशक्ति को ऊंचे से ऊंचा ओहदा दिए जाने को सभी अपना समर्थन दे रहे हैं तो वहीं कोतवाली गंगनहर क्षेत्र में एक व्यक्ति द्वारा महिलाओं की लज्जा/गरिमा को, भंग करते हुए थाना परिसर में महिलाओं समेत सबके सामने स्वयं को निर्वस्त्र कर, तार-तार करके रख दिया है। हरिद्वार पुलिस द्वारा ऐसे अमानवीय/नाटकीय व्यवहार कर रहे व्यक्ति अरुण यादव को सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए नियमानुसार गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

जेल गए व्यक्ति द्वारा अब इमोशन का कार्ड खेलते हुए परिवार के नाबालिक बच्चों की मदद से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल करवाया जा रहा है कि उसके विपक्षी ने हरिद्वार पुलिस के साथ मिलकर उसके मूलभूत अधिकारों का हनन करते हुए उसको गलत तरीके से जेल भेजा है।

आखिर क्या है पूरा मामला

दिनाँक 24.12.2023 को कोतवाली गंगनहर में नियुक्त Add. SI धनपाल सिंह लोक शिकायत प्रकोष्ठ से प्राप्त शिकायती प्रार्थना पत्र शि0प्र0/एसएसपी/OBN 1112 की जांच के क्रम में शिकायतकर्ता आकाश यादव निवासी ग्राम 354 गणेशपुर रूडकी गये जहाँ पर शिकायतकर्ता द्वारा बताया कि विपक्षी अरूण यादव व आशा यादव (पत्नी अरूण यादव) द्वारा पत्र में उल्लेखित भूमि पर अवैध कब्जा व निर्माण कार्य करते हुए शि0कर्ता के साथ मारपीट कर घायल कर दिया है। जिस पर जाँचकर्ता द्वारा दोनों (पक्ष – विपक्ष) को थाने पर आने को कहा और चले आए।

कुछ समय पश्चात शिकायतकर्ता के साथ मारपीट करने वाला विपक्षी अरूण यादव पुत्र हरिलाल थाने पर आया और जाँचकर्ता अधिकारी के घटना के संबंध में पूछताछ करने पर एकदम उग्र हो गया और ऊंची आवाज में जांचकर्ता अधिकारी से बहस बाजी व बेहद ही अभद्र भाषा एवं व्यवहार करने लगा। अचानक हुए इस घटनाक्रम पर थाने में मौजूद अन्य पुलिस कर्मगण द्वारा भी विपक्षी अरुण यादव उपरोक्त को समझाने/रोकने का प्रयास किया तो विपक्षी अरूण यादव एकदम से आक्रोशित हो गया और थाने पर हंगामा करते हुए महिला डैस्क पर लगे काँच के शीशे को हाथ मारकर तोड़ दिया व लगातार अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए समझाने के लिए पास आ रहे पुलिसकर्मियों को चेताते हुए थाना परिसर में ही एकदम से निर्वस्त्र हो गया। जिससे महिला डैस्क में मौजूद महिला कर्मचारी समेत अन्य फरियादी महिलाएं भी शर्म से स्वयं को अपमानित महसूस करते हुए असहज होकर वहां से इधर-उधर चली गईं।

कानून की पाठशाला कहे जाने वाले थाने में अचानक हुए इस घटनाक्रम से वहां उपस्थित व पास से गुजर रहे सभी जन शर्मिंदगी महसूस करते हुए हतप्रभ हुए एवं थाना पुलिस से इस संबंध में उचित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन मिलने पर चले गए।

अरूण यादव के थाने पर किये उक्त अमर्यादित कृत्य करने, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, महिला डैस्क में तोड़फोड़, लोक सम्पति का नुकसान तथा महिला फरियादियों/कर्मचारियो की लज्जा का अनादर करते हुये अपना अंग विक्षेप करने आदि के आधार पर विपक्षी अरुण यादव उपरोक्त के विरूद्ध मु०अ०सं० 754/23धारा186,509,353,332 व 2/3 लोक संपत्ति निवारण अधिनियमपँजीकृत कर नियमानुसार गिरफ्तार कर दिनांक 24.12.23 को माननीय न्यायालय में पेश कर 14दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया साथ ही शिकायतकर्ता आकाश यादव की तहरीर पर अरूण यादव के विरूद्ध मु०अ०सं० 753/23 धारा323,331,504,506 आईपीसी पँजीकृत किया गया।

इमोशनल कार्ड
इस पूरे मामले को दूसरा रूप देने के लिए जेल गए शातिर अरुण यादव द्वारा अपने परिवार के नाबालिग बच्चों के माध्यम से सोशल मीडिया पर अब एक वीडियो वायरल करवाया जा रहा है कि शिकायतकर्ता ने पुलिस के साथ मिलकर उसके मूलभूत अधिकारों का हनन करते हुए उसके साथ गलत किया है।

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