नए साल के जश्न पर लैंसडौन और कालागढ़ टाइगर रिजर्व में अलर्ट

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कोटद्वार। लैंसडौन वन प्रभाग और इससे सटे कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग (केटीआर) में वन सीमा से सटे क्षेत्रों में नए साल के जश्न मनाने वालों पर वन विभाग की निगाह रहेगी। वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के चलते जंगलों में अलर्ट घोषित किया गया है।
सीटीआर की दक्षिणी सीमा पर खासी सतर्कता बरती जा रही है। बिना इजाजत के वन क्षेत्र और वन मार्गों पर आवाजाही करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। लैंसडौन वन प्रभाग कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) और राजाजी नेशनल पार्क के बीच का गलियारा है। यहां के लालढांग, कोटद्वार और कोटड़ी रेंज में भी अलर्ट घोषित किया गया है। नए साल के जश्न के बीच वन एवं वन्यजीव से जुड़े अपराध की आशंका में सीटीआर में भी अलर्ट घोषित किया गया है। यूपी से सटी कार्बेट टाइगर रिजर्व की दक्षिणी सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। सीमाओं पर कड़ी चौकसी बरती जा रही है। जरूरी काम से निकलने वाले वन सीमा से सटे गांवों के लोगों की भी आईडी की जांच की जा रही है। कालागढ़ टाइगर रिजर्व के डीएफओ नीरज शर्मा ने बताया कि कोटद्वार से पाखरो, मोरघट्टी और कालागढ़ तक सीटीआर की करीब 45 किमी की सीमा पर दिनरात नजर रखी जा रही है। नए साल के जश्न के नाम पर किसी को भी दिन या रात में जंगल में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। वहीं लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ दिनकर तिवाड़ी ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों से किसी को भी थर्टी फस्ट के जश्न के नाम पर जंगलों के भीतर घुसने की इजाजत नहीं होगी। कर्मचारी ही नहीं अधिकारी भी गश्त पर रहेंगे। लैंसडौन के सभी बंगलों में केवल वन अधिकारी ही ठहरेंगे।

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