धर्मस्थल हटाने को लेकर कांग्रेस विधायकों में गुस्सा, डीएम के कार्यालय में किया हंगामा
–कांग्रेस विधायक और नेताओं ने समय देने के बावजूद धर्मस्थल हटाने पर नाराजगी जताते हुए जमकर काटा हंगामा
हरिद्वार। रोशनाबाद में जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय से मिलने पहुंचे जिले के कांग्रेस विधायक और नेताओं ने समय देने के बावजूद धर्मस्थल हटाने पर नाराजगी जताते हुए जमकर हंगामा किया।
जिलाधिकारी पर वादे से पलटने का आरोप लगाते हुए ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर और ग्रामीण कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राजीव चौधरी ने इसे तानाशाही बताया है।
एसडीएम पूरण सिंह राणा ने कांग्रेस नेताओं और विधायकों को समझाने का प्रयास किया। जिस पर आक्रोशित नेताओं ने एसडीएम को भी खरी-खरी सुनाई। दरअसल, ज्वालापुर आर्य नगर स्थित एक धर्मस्थल हटाने को लेकर पिछले दिनों मुस्लिम समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय से मुलाकात की थी।
जिसके बाद खानपुर विधायक उमेश कुमार भी एक प्रतिनिधिमंडल को लेकर जिलाधिकारी से मिले। ऐसा बताया गया है कि हाई कोर्ट में लंबित याचिका पर कोई फैसला आने तक प्रशासन से कार्रवाई रोकने का अनुरोध किया गया था और जिलाधिकारी ने इस पर सहमति भी जताई थी।
लेकिन अगले ही दिन धर्म स्थल पर जेसीबी चला दी गई। कार्रवाई के दौरान भी लोगों ने डीएम पर वादे से पलटने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था।
इस मामले को लेकर मुस्लिम समुदाय में पनप रही नाराजगी के बीच जिले के कांग्रेस विधायक रवि बहादुर, अनुपमा रावत, फुरकान अहमद, ममता राकेश, वीरेंद्र जाती व कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी, पूर्व दर्जाधारी नईम कुरैशी, मकबूल कुरेशी, रफी खान आदि कांग्रेस नेता सोमवार को जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय से मिलने पहुंचे। प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से सवाल किया कि जब कार्रवाई रोकने के लिए समय दे दिया गया था, फिर ऐसी कौन सी मजबूरी आन पड़ी की आनन-फानन में धर्मस्थल पर जेसीबी चला दी गई।
जिलाधिकारी ने अपने तर्कों से उन्हें संतुष्ट करने का भी प्रयास किया। लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर कांग्रेस विधायक और नेता भड़क गए। खासतौर पर ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर ने जिलाधिकारी पर सरकार के दबाव में गलत कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई।
कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी ने मनमानी का आरोप लगाया। हंगामा बढ़ने पर एसडीएम पूरण सिंह राणा ने बीच-बचाव करते हुए कांग्रेस विधायकों और नेताओं को शांत कराने का प्रयास किया।
लेकिन राणा कामयाब नहीं हुए। उन्हें भी आक्रोशित नेताओं की खरी-खोटी सुनने को मिली। ऐसा बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर जल्दी कांग्रेस कोई रणनीति तैयार करने में जुट गई है। जल्द ही प्रकरण में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की एंट्री भी हो सकती है।
विधायकों का आरोप है कि जिलाधिकारी बीजेपी सरकार के इशारे पर कार्य कर रहे। जिलाधिकारी ने स्वयं कार्यवाही से पूर्व मंगलवार तक का समय दिया था। लेकिन आज वार्ता के दौरान अपनी बात से पलट गए। प्रशासन जिले का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा। विधायकों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
एक निर्दलीय विधायक के कहने पर प्रशासन कार्य कर रहा । एकाएक धार्मिक स्थलो के तोड़फोड़ की क्या आवश्यकता आ गई थी। जब वार्ता के लिए समय दिया गया तो इतनी जल्दी क्या थी। लोगों की आस्था से खिलवाड़ की जा रही है। जनप्रतिनिधियों की भी नहीं सुनी जा रही।
सड़क चौड़ीकरण के नाम तोड़फोड़ की जा रही है। वर्ष 2018 में भी इसी प्रकार चौड़ीकरण के नाम पर तोड़फोड़ की गई थी। बाद में सड़क किनारे बिजली के पैनल लगा दिए गए। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय का कहना है कि विधायक गण उनसे मिलने आए थे। वार्ता ठीक-ठाक चल रही थी।विधायक एकाएक बैठक से चले गए।
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