ईष्ट देवताओं का रूप धारण कर फिल्मी गानों पर नाचने वालों पर लगाया जाए प्रतिबंध

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हरिद्वार। श्री अखण्ड परशुराम अखाड़ा ने ईष्ट देवताओं का रूप धारण कर फिल्मी गानों पर नाचने वालों पर प्रतिबंध लगाने की मांग सरकार से उठाई है। जल्द ही इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो वह इसका विरोध किया जाएगा। अखाड़ा इसके लिए मंदिरों में पोस्टरों के माध्यम से जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

प्रेस क्लब सभागार में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए श्री अखण्ड परशुराम अखाड़ा अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि ईष्ट देवताओं का स्वरूप धारण कर धार्मिक मंचों पर प्रदर्शन करना बहुत गलत है। वर्तमान समय में जिस प्रकार त्यौहारों पर सार्वजनिक शोभा यात्राओं, जागरण एवं भजन संध्याओं में ईष्ट देव का स्वरूप धारण कर नृत्य कराया जाता है, उससे धार्मिक भावनाओं को आघात पहुंचता है। बालकों और युवाओं में ईष्ट देवताओं के प्रति कहीं न कहीं असम्मान की भावना उत्पन्न होती है, जो आगे चलकर कर समाज में विकृत मानसिकता को जन्म देती है।

श्री अखण्ड परशुराम अखाड़ा के संरक्षक बाबा हठयोगी जी ने कहा कि ऐसी भी जानकारियां मिल रही है कि सार्वजनिक शोभा यात्राओं, जागरण और भजन संध्याओं में ईष्ट देवताओं का स्वरूप धारण कर नशे में नृत्य कर रहे हैं। कहा कि यदि ऐसा हो रहा है तो यह बड़े दुर्भाग्य का विषय है। इस पर आयोजकों को गंभीरता से विचार करना चाहिए। आयोजक जिस आस्था, श्रृद्धा और विश्वास से जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सार्वजनिक शोभा यात्राओं, जागरण एवं भजन संध्याओं का आयोजन करते है ऐसे नृत्य करने से उनका उद्देश्य कितना सफल होता होगा यह समझा जा सकता है।

यदि ईष्ट देवाताओं का अपमान बंद नहीं किया जाता तो धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली ऐसी घटनाओं पर कानूनी कार्यवाही कराने को बाध्य होंगे। जो व्यक्ति, संस्थायें इस प्रकार के आयोजन कराती है, उन्हें आयोजन से पूर्व इन बातों को संज्ञान में ले लेना चाहिए, जिससे किसी प्रकार की कानूनी कार्यवाही से बचा जा सके।

पत्रकार वार्ता में महंत स्वामी विश्वानंद पुरी जी महाराज, राजवीर शर्मा, कुलदीप शर्मा, कुलदीप कृष्ण चौहान, पवन त्यागी आदि मौजूद रहे।

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