नगर निगम हरिद्वार की बड़ी कार्रवाई: भीमगोडा स्थित निगम संपत्ति से अवैध कब्जा हटाया, भवन को लिया अपने अधिकार में, देखिए वीडियो

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खबर डोज, हरिद्वार। नगर निगम हरिद्वार ने भीमगोडा क्षेत्र में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए अपनी भूमि और भवन पर चल रही अवैध गतिविधियों को रोककर संपत्ति का पूर्ण कब्ज़ा अपने हाथ में ले लिया। यह कार्रवाई नगर निगम की संयुक्त टीम और पुलिस बल की मौजूदगी में की गई, जिसमें किसी भी तरह का विरोध नहीं हो पाया और पूरा परिसर निगम के अधिकार में ले लिया गया।

मामला वर्ष 2023 से जुड़ा है, जब न्यायालय नियत प्राधिकारी/नगर मजिस्ट्रेट हरिद्वार कोर्ट ने आदेश जारी कर उक्त स्थल पर पार्किंग, अवैध व्यावसायिक गतिविधियों, विवाह समारोहों, अवैध पार्किंग और अनधिकृत निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि नगर निगम और पुलिस प्रशासन इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं।

इसी क्रम में 13 नवंबर 2025 को नगर निगम की संयुक्त निरीक्षण टीम ने स्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कोर्ट के आदेशों के बावजूद यहां अवैध निर्माण, विवाह एवं अन्य व्यावसायिक गतिविधियां चल रही थीं। किसी भी सक्षम प्राधिकारी से इन गतिविधियों के लिए अनुमति नहीं ली गई थी। इसके बाद निगम ने समिति अध्यक्ष को नोटिस जारी कर अवैध गतिविधियां बंद करने के निर्देश दिए थे।

लेकिन नोटिस के बावजूद स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया और पुनः निरीक्षण के दौरान अवैध गतिविधियां जारी मिलीं। इसे गंभीर उल्लंघन मानते हुए नगर निगम ने आज एक विशेष टीम गठित कर भवन और भूमि पर कब्ज़ा लेने की कार्रवाई शुरू की। निगम की टीम ने पूरे परिसर को अपने नियंत्रण में लिया और सभी कमरे सील कर निगम के अधिकार में ले लिए।

नगर निगम ने कब्ज़े में लिए गए भवन को संबंधित वार्डों की सफाई व्यवस्था के लिए क्षेत्रीय कार्यालय के रूप में उपयोग करने का प्रस्ताव रखा है। इससे क्षेत्र में अवैध व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगेगी और स्थानीय नागरिकों को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता से संबंधित नगर निगम की सेवाएं उनके वार्ड स्तर पर ही उपलब्ध हो सकेंगी।

इसी के साथ नगर निगम ने आसपास के क्षेत्र में अन्य छह अवैध कब्जों की पैमाइश भी की है। सभी संबंधित व्यक्तियों को नोटिस जारी किए जाएंगे और आगे की विधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी।

नगर निगम की इस कार्रवाई को प्रशासनिक सख्ती और अवैध कब्जों के खिलाफ बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।

कार्रवाई में उप नगर आयुक्त, सहायक नगर आयुक्त (कर अनुभाग), सहायक नगर आयुक्त (योजना अनुभाग), अवर अभियंता, संपत्ति लिपिक तथा कर एवं राजस्व निरीक्षक मौजूद रहे।

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