सीआईयू को सौंपी 96.35 लाख रुपये के गबन के मामले की जांच
कोटद्वार। नगर निगम में 24 लाख रुपये के घोटाले के मास्टर माइंड पंकज रावत, महिला ठेकेदार सुमिता व पार्षद कुलदीप के बाद कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। पुलिस की विवेचना में इस गबन में संलिप्त कई लोगों के नाम सामने आए हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए अदालत से वारंट लेने के प्रयास में जुट गई है। उधर, 96.35 लाख रुपये के गबन के मामले की जांच पुलिस के उच्चाधिकारियों ने सीआईयू के निरीक्षक मो. अकरम को सौंप दी है।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक विजय सिंह ने बताया कि 24 लाख रुपये के घोटाले के साथ ही नगर पालिका के समय भवनों के नक्शे पास करने के मामले में हुए करीब तीन लाख रुपये के गबन के मामले की जांच उपनिरीक्षक संजय रावत को सौंपी गई है। यह मामला भी तब के निर्माण लिपिक रहे पंकज रावत के विरुद्ध नामजद दर्ज है। वहीं एएसपी शेखर सुयाल ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी श्वेता चौबे के निर्देश पर 96 लाख के घोटाले की जांच सीआईयू (क्राइम इंवेस्टीगेशन यूनिट) प्रभारी निरीक्षक मो. अकरम को सौंपी गई है। इसमें पंकज रावत के साथ छह अन्य लोग ठेकेदार एहसान अहमद, नीरज रावत, अहसान, राजपाल सिंह, सुमिता देवी और रमेश चंद्र चौधरी के खिलाफ नामजद तहरीर है। इन मामलों की जांच के लिए जल्द ही एक टीम भी गठित करने पर विचार चल रहा है। इस घोटाले की रकम एक करोड़ से ज्यादा बढ़ सकती है।
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