सीएम के पाले में पहुंचा बेटियों का कन्याधन

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-सचिव ने नहीं माने आदेश तो मंत्री सीएम को भेजी फाइल

हरिद्वार। इंटर पास बेटियों का कन्याधन अब सीएम के पाले में पहुंच गया है। दरअसल, मंत्री के आदेशों के बावजूद पुरानी पद्धति की बजाए नई पद्धाति (नए फॉर्म) पर आवेदन मांगे जा रहे हैं। जिससे महिला सशक्तिकरण और बाल विकास मंत्री मंत्री रेखा आर्य ने नई पद्धति में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों को देखते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी को फाइल भेजी है। उनका कहना है कि नए फॉर्मेट पर मांगे जा रहे आवेदन सीएम के सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के मंत्र के बिल्कुल उल्ट हैं। इससे पात्र बेटियां भी ‌‌वंचित हो जाएंगी। ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि सीएम बेटियों के हक के लिए उचित निर्णय लेंगे।

बेटियों को इंटर से आगे की पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने की खातिर नंदा गौरा देवी योजना शुरू की गई थी। अभी तक योजना के मानकों ज्यादा सख्त नहीं थे। जिससे अच्छी संख्या में बेटियां इंटर पासकरने के बाद योजना के तहत मिलने वाली 51 हजार रुपये की प्रोत्साहन र‌ाशि हासिल कर लेती थीं। इससे वह आसानी के सा‌थ उच्च शिक्षा हासिल करने में सफल हो जाती थी।

इस साल नए फॉरमेट का आवेदन मांगने पर 11 नवंबर को प्रदेश की महिला सशक्तिकरण और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने सचिव एचसी सेमवाल को नए फॉर्मेट की बजाए पुराने फॉर्मेट पर ही आवेदन जमा करने के ‌आदेश किए ‌थे। समाचार पत्रों में प्रक‌‌‌ाशित खबरों पर 30 नंबवर निर्धारित की गई अंतिम तिथि पर बाल विकास विभाग की ओर से पुराने फॉर्म पर ही लगभग 90 प्रतिशत आवेदन जमा कर लिए गए थे। लेकिन सचिव ने मंत्री के निर्देश पर पुराने
फॉर्म पर आवेदन जमा कराए जाने की बजाए 26 नवंबर को नए फॉर्म पर ही आवेदन लेने के आदेश कर दिए थे।

जिससे अब तक जमा हुए सभी फॉर्म निरस्त करते हुए नए फार्म पर ही आवेदन करने के लिए कहा जा रहा है। इससे बेटियां और उनके परिजन परेशान हैं। इस संबंध में जब मंत्री रेखा आर्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैंने तो सचिव को बोला था, क्योंकि नई पद्धति में अव्यवहारिक चीजे मांगी जा रही हैं। मैंने तो साफ-साफ लिख भी दिया था कि पुरानी ही पद्धति के अनुसार ही फॉर्म लिए जाएं। मेरे आदेशों का पालन नहीं हो रहा है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसलिए अब मैंने मुख्यमंत्री को फाइल भेज दी है। जिसमें सीएम से पुरानी पद्धति से ही फॉर्म लिए जाने की मांग की गई है। अब सीएम जो निर्णय लेंगे वह मान्य होंगे। मैंने तो अपने मन का भाव व्यक्त कर दिया है।


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